नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) के खिलाफ आई एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। इस याचिका में मांग की गई थी कि भारतीय क्षेत्र से बीबीसी और बीबीसी इंडिया के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया जाए। हाल में बीबीसी द्वारा 2002 के गुजरात दंगों को लेकर एक डॉक्यूमेंट्री- 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' के प्रसारित किए जाने पर हंगामे और विरोध के बीच ये याचिका सुप्रीम कोर्ट में डाली गई थी।
यह याचिका हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने डाली थी। कोर्ट ने कहा कि ऐसी मांग उठाना एकदम गलत कदम और आतार्किक है। याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई थी कि गुजरात दंगों पर डॉक्यूमेंट्री बनाकर भारत को अस्थिर करने की साजिश है। इस याचिका में भारती-विरोधी और भारत सरकार विरोधी रिपोर्टिंग/डॉक्यूमेंट्री/शॉर्ट फिल्म के खिलाफ एनआईए जांच की भी मांग की गई थी।
सुनवाई के दौरान क्या कुछ हुआ?
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार मामले को जस्टिस संजीव खन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ ने खारिज किया। जैसे ही मामले की सुनवाई शुरू हुई, जस्टिस खन्ना ने कहा, 'ये पूरी तरह गलत है।' इसके जवाब में याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट पिंकी आनंद ने कहा, 'कृपया ये बैकग्राउंड देखा जाए कि डॉक्यूमेंट्री कब सामने आई। आज आपकी एक पोजिशन है, जब यूके में एक भारतीय प्रधानमंत्री है। भारत बड़े आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है।'
इस दलील पर हैरानी जताते हुए जस्टिस खन्ना ने पूछा,आप चाहते हैं कि हम पूरी तरह से सेशरशिप लगा दें? ये क्या है?'
इसके बाद सीनियर वकील ने बेंच को इस मामले को अन्य मामलों के साथ जोड़ने का आग्रह किया जिसमें बीबीसी के डॉक्यूमेंट्री को केंद्र द्वारा ब्लॉक करने के आदेश को चुनौती दी गई है। हालांकि, कोर्ट ने ये मांग भी ठुकरा दी और कहा कि ये याचिका पूरी तरह से गलत है और इसलिए इसे खारिज किया जाता है।