लाइव न्यूज़ :

नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज

By विनीत कुमार | Updated: May 26, 2023 14:57 IST

नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराने की गुजारिश वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार करते हुए इसे खारिज कर दिया। 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन होना है।

Open in App

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराने की गुजारिश की गई थी। इस जनहित याचिका में मांग की गई थी कि लोकसभा सचिवालय को नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा कराए जाने संबंधी निर्देश जारी किया जाए। कोर्ट ने हालांकि इस जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।

जस्टिस जे के माहेश्वरी और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की पीठ ने याचिकाकर्ता और वकील जय सुकीन से कहा कि न्यायालय इस बात को समझता है कि यह याचिका क्यों और कैसे दायर की गई और वह संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत इस याचिका की सुनवाई नहीं करना चाहता।

सुकीन ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 79 के तहत राष्ट्रपति देश की कार्यपालिका की प्रमुख हैं और उन्हें आमंत्रित किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि यदि न्यायालय सुनवाई नहीं करना चाहता, तो उन्हें याचिका को वापस लेने की अनुमति दी जाए।

28 मई को नए संसद भवन का पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे उद्घाटन

केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यदि याचिका को वापस लेने की अनुमति दी जाती है, तो उसे हाई कोर्ट में दायर किया जाएगा। इसके बाद पीठ ने याचिका को वापस ले ली गई मानकर खारिज कर दिया। याचिका में कहा गया था कि प्रतिवादी--लोकसभा सचिवालय और भारत संघ--उन्हें (राष्ट्रपति को) उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं कर राष्ट्रपति को ‘‘अपमानित’’ कर रहे हैं।

यह याचिका, 28 मई को नये संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किये जाने के कार्यक्रम को लेकर छिड़े एक विवाद के बीच दायर की गई। करीब 20 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति को ‘‘दरकिनार’’ किये जाने के विरोध में समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है।

दरअसल, बुधवार को 19 राजनीतिक दलों ने एक संयुक्त बयान में कहा था, ‘‘जब लोकतंत्र की आत्मा को ही संसद से बाहर निकाल दिया गया है, तब हमें एक नये भवन का कोई महत्व नजर नहीं आता।’’ वहीं, भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने इस ‘‘तिरस्कारपूर्ण’’ फैसले की निंदा की।

सत्तारूढ़ राजग में शामिल दलों ने बुधवार को एक बयान में कहा था, ‘‘यह कृत्य केवल अपमानजनक नहीं, बल्कि महान राष्ट्र के लोकतांत्रिक लोकाचार और संवैधानिक मूल्यों का घोर अपमान है।’’ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हाल में प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी और उन्हें भवन का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया था। मोदी ने 2020 में इस भवन का शिलान्यास भी किया था और ज्यादातर विपक्षी दल उस समय भी इस कार्यक्रम से दूर रहे थे।

टॅग्स :सुप्रीम कोर्टसंसदद्रौपदी मुर्मू
Open in App

संबंधित खबरें

भारतLokmat National Conclave 2025: 'विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका का अस्तित्व देश के आम नागरिकों के अधिकार, न्याय को सुनिश्चित करना है', पूर्व सीजेआई बीआर गवई बोले

भारतLokmat Parliamentary Award 2025: लोकमत के चेयरमैन विजय दर्डा 'संसदीय पुरस्कार' के मंच से बोले- 'लोकमत का उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही'

भारतदिल्ली में 17 दिसंबर को ‘लोकमत पार्लियामेंटरी अवॉर्ड’ का भव्य समारोह

भारतशहरी महानगरों में लोगों की अपनी जीवनशैली, गरीबों का क्या होगा?, सीजेआई सूर्यकांत बोले- वायु प्रदूषण पर गरीब मजदूर सबसे ज्यादा पीड़ित

भारतकौन हैं राज कुमार गोयल?, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मुख्य सूचना आयुक्त के रूप में शपथ दिलाई

भारत अधिक खबरें

भारतबिहार हिजाबः बाप और बेटी का रिश्ता?, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा- दुख है बड़ा विवाद खड़ा

भारतकश्मीर में ‘चिल्ला-ए-कलां’ शुरू?, घाटी में पड़ने वाली 40 दिनों की भीषण सर्दी क्या होती है?

भारतईटानगर नगर निगमः भाजपा ने 20 में से 14 सीट पर दर्ज की शानदार जीत, पासीघाट नगर परिषद पर पीपीए ने का कब्जा, 8 में से 5 सीट, ईटानगर-पासीघाट में कांग्रेस 0

भारतVIDEO: पीएम मोदी ने गुवाहाटी में भारत के पहले नेचर-थीम वाले एयरपोर्ट टर्मिनल का किया उद्घाटन

भारतकर्नाटक नेतृत्व मुद्दा: दिल्ली कब बुलाया जाएगा?, डीके शिवकुमार ने कहा-मैं आपको सूचित करूंगा, बिना बताए कुछ नहीं करूंगा