नई दिल्ली( 16 मार्च): रोहिंग्या मुसलमानों को देश में एंट्री देने पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपनी बात पेश की है। आज केंद्र सरकार ने रोहिंग्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार से भारत में आने की इजाजत देने का निर्देश नहीं दे सकता है।
सरकार ने कोर्ट के सामने कहा कि जिन यात्रियों के पास बैध दस्तावेज होंगे वे केवल उनको यी यात्रा पर जाने की अनुमति देंगे। बाकि के लोगों को नहीं जाने दे सकते क्योंकि वह देश के हित में नहीं होगा। गृहमंत्रालय की ओर से यह बात एक हलफनामें में की गई है। गृह मंत्रालय ने यह हलफनामा उन आरोपों पर कोर्ट में दिया, जिसमें कहा गया था कि भारत-म्यांमार सीमा पर सुरक्षा बल रोहिंग्या मुसलमानों को जबरदस्ती वापस खदेड़ रहे हैं और इसके लिए मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल कर रहे हैं। सरकार ने इस तरह के सभी आरोपों को बेबुनियाद करारा है।
वहीं, केंद्र सरकार के द्वारा पेश किए गए इस हलफनामे में कहा गया है कि देश घुसपैठियों की समस्या से जूझ रहा है। देश में आतंकवाद के फैलने का भी यह एक वजह है। रोहिंग्या मुसलमानों को पहचान पत्र देने की मांग पर मंत्रालय ने हलफनामे में कहा कि यह नीति से जुड़ा मामला है। ऐसे में देखना होगा कि सरकार के इस हलफनामें पर कोर्ट अपनी क्या राय पेश करती है।