"सुप्रीम कोर्ट 'तारीख पर तारीख कोर्ट' बने, हम नहीं चाहते हैं ऐसा", चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 3, 2023 01:04 PM2023-11-03T13:04:42+5:302023-11-03T13:06:43+5:30

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने वकीलों से अपील की है कि जब तक जरूरी न हो तब तक वो केस में स्थगन की मांग न करें

"Supreme Court becomes 'date after date court', we do not want this", said Chief Justice DY Chandrachud | "सुप्रीम कोर्ट 'तारीख पर तारीख कोर्ट' बने, हम नहीं चाहते हैं ऐसा", चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा

फाइल फोटो

Highlightsचीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की वकीलों से अपील, जब तक जरूरी न हो केस में स्थगन की मांग न करेंउन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते कि सुप्रीम कोर्ट 'तारीख पर तारीख कोर्ट' बने केसों का स्थगन होता रहा तो इससे आम नागरिकों में अदालतों की छवि कमजोर होगी

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने वकीलों से अपील की है कि जब तक जरूरी न हो तब तक वो केस में स्थगन की मांग न करें। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को कहा कि हम नहीं चाहते कि सुप्रीम कोर्ट 'तारीख पर तारीख कोर्ट' बने।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक मुख्य न्यायाधीश की यह टिप्पणी स्थगन से संबंधित आंकड़ों को देखने के बाद आई है। इससे पहले सुबह जब चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई के लिए इकट्ठी हुई, तो अदालत ने गुरजे सितंबर और अक्टूबर महीनों में केसों के स्थगन पर्चियों को देखा।

इसके बाद सीजेआई चंद्रचूड़ ने वकीलों से स्थगन की मांग न करने का आग्रह करते हुए कहा, "हम नहीं चाहते कि सुप्रीम कोर्ट 'तारीख पर तारीख कोर्ट' बने क्योंकि इससे मामले में तेजी लाने का हमारा लक्ष्य खत्म हो जाएगा।"

इसके साथ ही सीजेआई ने कहा कि अगर भारी संख्या में केसों का स्थगन होता रहा तो इससे आम नागरिकों का न्यायपालिका में भरोसा कमजोर होगा और इससे देश के सामने हमारी अदालतों की अच्छी छवि नहीं दिखाई देगी।

चीफ जस्टिस की अदालत को बताया गया कि सितंबर-अक्टूबर महीने में वकीलों द्वारा 3,688 स्थगन पर्चियां दी गई हैं। इसके बाद सीजेआई की बेंच ने कहा कि आज भी 178 स्थगन पर्चियां मिली हैं।

इसके बाद सीजेआई चंद्रचूड़ ने वकीलों से अपील करते हुए कहा, "मैं बार कांउंसिल के सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि जब तक वास्तव में आवश्यक न हो, कृपया केसों में स्थगन की मांग न करें।"

सीजेआई ने कहा कि वह मामलों की पहली सुनवाई की अवधि कम से कम हो यह सुनिश्चित करने के लिए दाखिल मामलों की निगरानी कर रहे हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि कुछ मामलों को तो केवल स्थगन मांगने के लिए पेश किया जाता है। 

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