लाइव न्यूज़ :

सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर केंद्र से पूछा- क्या आजादी के 75 साल बाद भी देश को इसकी जरूरत

By विनीत कुमार | Updated: July 15, 2021 14:17 IST

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी कर राजद्रोह कानून के संबंध में पूछा है कि क्या इसकी अभी भी जरूरत है। कोर्ट ने इस कानून का दुरुपयोग होने को लेकर भी चिंता जताई।

Open in App
ठळक मुद्देराजद्रोह कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाईकोर्ट ने केंद्र को नोटिस देकर पूछा- क्या देश को अभी भी इस कानून की जरूरत हैकोर्ट ने कहा- राजद्रोह कानून औपनिवेशिक काल का है और इसका इस्तेमाल महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक के खिलाफ हुआ

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राजद्रोह कानून के संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए पूछा कि 'आजादी के 75 साल बाद भी क्या इस कानून की जरूरत है'?

चीफ जस्टिस एनवी रमण की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, 'राजद्रोह का कानून औपनिवेशिक काल का है इसे ब्रिटिश द्वारा इस्तेमाल किया जाता था ताकि आजादी की आवाज को दबाया जा सके और इसका इस्तेमाल महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक के खिलाफ हुआ।' 

चीफ जस्टिस ने साथ ही कहा कि अगर आप इस धारा के तहत लगाए गए आरोपों को देखें तो ऐसे मामलों में दोषसिद्धि की दर काफी कम है और इसका दुरुपयोग होता रहा है।

पीठ ने कहा कि उसकी मुख्य चिंता ‘कानून का दुरुपयोग’ है और उसने पुराने कानूनों को निरस्त कर रहे केंद्र से सवाल किया कि वह इस प्रावधान को समाप्त क्यों नहीं कर रहा।  

इस बीच, अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने प्रावधान की वैधता का बचाव करते हुए कहा कि राजद्रोह कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए कुछ दिशानिर्देश बनाए जा सकते हैं। 

दरअसल, पीठ मेजर-जनरल (सेवानिवृत्त) एसजी वोम्बटकेरे की एक नई याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए (राजद्रोह) की संवैधानिक वैधता को इस आधार पर चुनौती दी गई है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार पर अनुचित प्रतिबंध है।

राजद्रोह कानून की वैधता को देखेगी कोर्ट

चीफ जस्टिस एनवी रमन, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस ऋषिकेश राय की पीठ कहा कि वह राजद्रोह कानून की वैधता को लेकर अवलोकन करेगी। कोर्ट ने कहा कि राजद्रोह कानून का दुरुपयोग किसी बढ़ई को लकड़ी का एक टुकड़ा काटने के लिए कुल्हाड़ी देने जैसा है और मानो वो इसका इस्तेमाल पूरे जंगल को काटने के लिए कर रहा हो।

,कोर्ट ने कहा, 'किसी गांव में अगर एक पुलिस अधिकारी किसी को निशाना बनाना चाहता है तो वह सेक्शन 124 A का इस्तेमाल कर सकता है...लोग इससे डरे हुए हैं।' कोर्ट ने कहा राजद्रोह को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं हैं और इन सभी पर एक साथ सुनवाई होगी।

(भाषा इनपुट)

टॅग्स :सुप्रीम कोर्टएन वेंकट रमण
Open in App

संबंधित खबरें

भारतSupreme Court: बांग्लादेश से गर्भवती महिला और उसके बच्चे को भारत आने की अनुमति, कोर्ट ने मानवीय आधार पर लिया फैसला

भारतआपको बता दूं, मैं यहां सबसे छोटे... सबसे गरीब पक्षकार के लिए हूं, जरूरत पड़ी तो मध्य रात्रि तक यहां बैठूंगा, प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत

भारतसुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन समय रैना को सफलता की कहानियों वाले दिव्यांग लोगों को शो में बुलाने और इलाज के लिए पैसे जुटाने का दिया निर्देश

भारत"कोर्ट के पास कोई जादू की छड़ी नहीं है...", दिल्ली में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

भारत अधिक खबरें

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण