सुप्रीम कोर्ट ने मेघालय में फंसे खनिक मजदूरों पर सरकार को लगाई फटकार, कहा-उनका हर मिनट कीमती
By भाषा | Published: January 3, 2019 01:03 PM2019-01-03T13:03:58+5:302019-01-03T13:10:58+5:30
पीठ ने इन लोगों को निकालने के लिए शीघ्र कदम उठाने की मांग करने वाले याचिकाकर्ता आदित्य एन प्रसाद से केंद्र के विधि अधिकारी को बुलाने के लिये कहा ताकि उचित आदेश तत्काल दिया जा सके।
उच्चतम न्यायालय ने मेघालय सरकार से बृहस्पतिवार को कहा कि 13 दिसंबर से अवैध कोयला खदान में फंसे 15 मजदूरों को निकालने के लिए अब तक उठाए गए कदमों से वह संतुष्ट नहीं है।
न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने मेघालय सरकार से पूछा कि इन लोगों को निकालने में वह सफल क्यों नहीं रही।
#Meghalayaminers: Supreme Court tells Meghalaya government that we are not satisfied with the rescue operations. 15 miners are trapped in an illegal flooded coal mine in East Jaintia Hills since December 13 last year. pic.twitter.com/DvXuAawxrc
— ANI (@ANI) January 3, 2019
राज्य की ओर से पेश हुए वकील ने अदालत को बताया कि उन्होंने बचाव अभियान के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं और केंद्र भी उनकी सहायता कर रहा है।
पीठ ने कहा, “हम संतुष्ट नहीं हैं। यह जीवन-मरण का सवाल है।”
पीठ ने इन लोगों को निकालने के लिए शीघ्र कदम उठाने की मांग करने वाले याचिकाकर्ता आदित्य एन प्रसाद से केंद्र के विधि अधिकारी को बुलाने के लिये कहा ताकि उचित आदेश तत्काल दिया जा सके।
पीठ आज दिन में भी इसकी सुनवाई जारी रखेगी।
मेघालय के पूर्वी जयंतिया पर्वतीय जिले में पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित इस खदान में पास की लितेन नदी का पानी भर गया था जिसके बाद खदान में काम कर रहे मजदूर अंदर ही फंस गए थे।
उच्चतम न्यायालय ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से मामले को जल्द देखने और उठाए गए कदमों से अदालत को शुक्रवार को अवगत कराने को कहा।
न्यायालय ने कहा कि मेघालय में खदान में फंसे मजदूरों के लिए प्रत्येक मिनट कीमती है।