कृषि कानूनों पर उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने रिपोर्ट सौंपी

By भाषा | Published: March 31, 2021 08:11 PM2021-03-31T20:11:07+5:302021-03-31T20:11:07+5:30

Supreme Court appointed committee on agricultural laws submitted report | कृषि कानूनों पर उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने रिपोर्ट सौंपी

कृषि कानूनों पर उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने रिपोर्ट सौंपी

नयी दिल्ली, 31 मार्च तीन नए विवादास्पद कृषि कानूनों का अध्ययन करने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने अपनी रिपोर्ट 19 मार्च को एक सीलबंद लिफाफे में शीर्ष अदालत को सौंप दी है। समिति के सदस्यों में से एक ने बुधवार को यह जानकारी दी।

किसान पिछले पांच महीनों से इन कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। उच्चतम न्यायालय ने 11 जनवरी को इन तीनों कानूनों के क्रियान्वयन पर अगले आदेशों तक रोक लगा दी थी और गतिरोध का समाधान करने के लिए चार सदस्यीय समिति नियुक्त की थी।

समिति को कानूनों का अध्ययन करने और सभी हितधारकों से चर्चा करने के लिए दो महीने का समय दिया गया था।

समिति के सदस्यों में से एक पी के मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमने 19 मार्च को एक सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंप दी है। अब, अदालत भविष्य की कार्रवाई पर फैसला करेगी।’’

समिति की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, समिति ने किसान समूहों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की खरीद एजेंसियों, पेशेवरों, शिक्षाविदों, निजी और साथ ही राज्य कृषि विपणन बोर्डों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के कुल 12 दौर किये।

समिति ने रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले नौ आंतरिक बैठकें भी कीं।

मिश्रा के अलावा समिति के अन्य सदस्यों में शेतकारी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवत और कृषि अर्थशास्त्री तथा कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशोक गुलाटी हैं।

समिति के चौथे सदस्य भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिन्दर सिंह मान ने कार्य शुरू करने से पहले ही समिति से खुद को अलग कर लिया था।

इस बीच कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए, खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि नए कृषि कानून किसानों के हित में लाए गए हैं, लेकिन यह एक अलग मुद्दा है कि ‘‘कुछ लोगों ने किसानों को गुमराह किया और एक नकारात्मक माहौल बनाने की कोशिश की है।’’

उन्होंने कहा कि देश भर के किसान अब समझते हैं कि नए कृषि कानून मंडियों की मौजूदा प्रणाली को नही हटाते हैं, और अधिक विपणन विकल्प प्रदान करते हैं।

गोयल ने कहा कि संसद में नए कृषि कानून पारित किए जाते समय सरकार की मुख्य चिंता यह थी कि किसानों की आय कैसे बढ़ाई जाए तथा उनकी आय में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए और अधिक रास्ते खोलने के वास्ते क्या कदम उठाए जाएं।

उन्होंने कहा कि नये कृषि कानूनों में सरकार ने एपीएमसी मंडियों में किसानों की उपज बेचने का मौजूदा विकल्प बरकरार रखा और उन्हें अन्य विपणन विकल्प उपलब्ध कराये।

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Web Title: Supreme Court appointed committee on agricultural laws submitted report

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