सुब्रमण्यम स्वामी ने VHP के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल को भारतरत्न देने की मांग की, 'जय श्री राम' लिखकर फैसले का किया स्वागत
By पल्लवी कुमारी | Published: November 9, 2019 02:21 PM2019-11-09T14:21:22+5:302019-11-09T14:21:22+5:30
Ayodhya Verdict : सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन राम लला को दी है। 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार एक ट्रस्ट बनाएगी जो मंदिर का निर्माण कराएगी।
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अयोध्या में 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन राम लला को दी है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद से ही देश के नेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। बीजेपी से लेकर कांग्रेस के नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। राज्य सभा सांसद और बीजेपी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। लेकिन इसी के साथ उन्होंने विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल को मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न देने की मांग की।
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट किया, जीत के इस मौके पर अशोक सिंघल को याद करें। नमो (नरेंद्र मोदी) सरकार को तत्काल उन्हें भारतरत्न देने की घोषणा कर देनी चाहिए। राम मंदिर आंदोलन में सिंघल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
At this hour of victory let us remember Shri Ashok Singhal. Namo Govt must immediately announce Bharat Ratna for him
— Subramanian Swamy (@Swamy39) November 9, 2019
सुब्रमण्यम स्वामी ने एक और ट्वीट करते हुए लिखा, 'भगवान ने जब मंदिर के पुनर्निर्माण की शुरुआत चाही, तभी यह फैसला दिया जा रहा है। जय श्री राम।'
Only when Lord Rama wanted the green light for re- building the temple is being given. JaI Shri Ram
— Subramanian Swamy (@Swamy39) November 9, 2019
जानिए किसने क्या-क्या कहा?
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, यह फैसला न्यायिक प्रक्रियाओं में जन सामान्य के विश्वास को और मजबूत करेगा। हमारे देश की हजारों साल पुरानी भाईचारे की भावना के अनुरूप हम 130 करोड़ भारतीयों को शांति और संयम का परिचय देना है। भारत के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की अंतर्निहित भावना का परिचय देना है।
यह फैसला न्यायिक प्रक्रियाओं में जन सामान्य के विश्वास को और मजबूत करेगा।
— Narendra Modi (@narendramodi) https://twitter.com/narendramodi/status/1193065801147801600?ref_src=tws…">November 9, 2019
हमारे देश की हजारों साल पुरानी भाईचारे की भावना के अनुरूप हम 130 करोड़ भारतीयों को शांति और संयम का परिचय देना है।
भारत के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की अंतर्निहित भावना का परिचय देना है।
देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
— Narendra Modi (@narendramodi) https://twitter.com/narendramodi/status/1193065143594184704?ref_src=tws…">November 9, 2019
रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है। देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सामाजिक ताने बाने को और मजबूत करेगा। मैं लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील करता हूं।
Defence Minister Rajnath Singh on https://twitter.com/hashtag/AyodhyaJudgment?src=hash&ref_src=twsrc%…">#AyodhyaJudgment : It is a landmark judgement. Appeal to public to maintain peace and calm. https://t.co/VC143C4lDX">pic.twitter.com/VC143C4lDX
— ANI (@ANI) https://twitter.com/ANI/status/1193050330478465024?ref_src=twsrc%5Etfw">November 9, 2019
मुस्लिम लॉ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा है कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन हम कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं है। हम वकील राजीव धवन से बात करके आगे का फैसला करेंगे और चुनौती के बारे में सोचेंगे। अगर सहमति बनी तो हम पूर्ण विचार याचिका दायर करेंगे।
Zafaryab Jilani, All India Muslim Personal Law Board: Respect the verdict but the judgement is not satisfactory. There should be no demonstration of any kind anywhere on it. https://twitter.com/hashtag/AyodhyaJudgment?src=hash&ref_src=twsrc%…">#AyodhyaJudgmenthttps://t.co/g956DuJ5sB">pic.twitter.com/g956DuJ5sB
— ANI (@ANI) https://twitter.com/ANI/status/1193052077561274370?ref_src=twsrc%5Etfw">November 9, 2019
क्या है अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अयोध्या में 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन राम लला को दी है। अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सर्वसम्मति यानी 5-0 से आया है। 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार एक ट्रस्ट बनाएगी जो मंदिर का निर्माण कराएगी। यह जमीन अभी केंद्र सरकार के पास रहेगी और बाद में ट्रस्ट को दी जाएगी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ की वैकल्पिक जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।