'महात्मा गांधी से कम नहीं था नेताजी सुभाष का योगदान' बोले हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष, कहा नोटों पर गांधी जी की जगह लगाए इनकी तस्वीर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 22, 2022 08:34 AM2022-10-22T08:34:53+5:302022-10-22T10:13:18+5:30
गौकतलब है कि यह घटना तब सामने आई है जब एबीएचएम द्वारा कोलकाता में आयोजित दुर्गा पूजा कार्यक्रम में महात्मा गांधी से मेल खाती महिषासुर की मूर्ति की स्थापना हुई थी। ऐसे में इस स्थापना पर हुए हंगामे के कुछ सप्ताह बाद संगठन की ओर से यह मांग की गई है।
कोलकाता: अखिल भारत हिंदू महासभा (एबीएचएम) ने शुक्रवार को नोटों पर महात्मा गांधी की जगह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर छापने की मांग की है। इसके लिए एबीएचएम ने तर्क दिया कि स्वतंत्रता संग्राम में बोस का योगदान राष्ट्रपिता से कम नहीं था।
इस घटना के बाद यह मांग की गई है
आपको बता दें कि एबीएचएम द्वारा कोलकाता में आयोजित दुर्गा पूजा कार्यक्रम में महात्मा गांधी से मेल खाती महिषासुर की मूर्ति की स्थापना पर हुए हंगामे के कुछ सप्ताह बाद संगठन की ओर से यह मांग की गई है।
एबीएचएम ने क्या कहा
एबीएचएम के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रचूर गोस्वामी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमें लगता है कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी का योगदान महात्मा गांधी से कम नहीं था। इसलिए भारत के सबसे महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी को सम्मानित करने का सबसे अच्छा तरीका मुद्रा नोटों पर उनकी तस्वीर छापना है। गांधीजी की तस्वीर को नेताजी की तस्वीर के साथ बदल दिया जाना चाहिए।’’
सोशल मीडिया यूजर्स ने आयोजकों की गिरफ्तारी की मांग की थी
इससे पहले दक्षिण पश्चिम कोलकाता में एक पूजा पंडाल में महिषासुर की प्रतिमा में महात्मा गांधी जैसी झलक दिखने के बाद नाराज लोगों ने सोशल मीडिया पर पूजा का आयोजन करने वाले हिंदू महासभा के नेताओं की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की थी।
हालांकि आयोजक अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने दावा किया कि था यह संयोग ही है कि महिषासुर की प्रतिमा गांधीजी से मेल खा रही थी, लेकिन सोशल मीडिया पर लोग इस दलील से सहमत नहीं हुए थे।
सोशल मीडिया यूजर्स ने सीएम ममता को ट्वीट में किया टैग
अतनु चक्रवर्ती ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘‘कोलकाता में दुर्गा पूजा में महात्मा गांधी को असुर के रूप में दिखाने पर हिंदू महासभा के अधिकारियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए।’’
सोशल मीडिया पर दुर्गा पूजा पंडाल की तस्वीरें सामने आने के बाद कोलकाता पुलिस ने महासभा से प्रतिमा में बदलाव करने को कहा था। पुलिस ने इसे ट्विटर पर साझा करने वाले पत्रकार इंद्रदीप भट्टाचार्य से भी हटाने को कहा क्योंकि इससे त्योहारों के दौरान तनाव फैल सकता है।
यूजर्स समेत नेताओं ने भी जताई नाराजगी
उज्जैनी नामक सोशल मीडिया उपयोगकर्ता ने लिखा, ‘‘हिंदू महासभा ने कोलकाता पुलिस के अनुरोध पर प्रतिमा बदलने और उस पर मूंछ और बाल लगाने का दावा किया है। कोलकाता पुलिस ने क्या आसान उपाय खोजा है।’’ पहले प्रतिमा के सिर पर बाल नहीं थे और उसे सफेद धोती के साथ गोल फ्रेम वाला चश्मा पहनाया गया था।
इसे लेकर शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने आरोप लगाया था कि यह स्वतंत्रता सेनानियों को अपमानित करने का प्रयास है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘यह संयोग नहीं है। यह हमारे स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को अपमानित करने के लिए चल रहे मौजूदा विमर्श के अनुरूप जानबूझकर किया गया प्रयास है।’’
ऐसे में अखिल भारतीय हिंदू महासभा की राज्य इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रचूड़ गोस्वामी ने कहा था कि संगठन किसी की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहता था। उन्होंने कहा कि महिषासुर की प्रतिमा में महात्मा गांधी की झलक होना एक संयोग ही था और इसकी तस्वीरें सामने आने के बाद पुलिस दल ने मौके पर पहुंचकर मूर्ति का चेहरा बदलने को कहा है।