बिहार में अपराध पर अंकुश लगा पाने में अब तक विफल साबित हुए हैं सूबे के गृह मंत्री सम्राट चौधरी, पिछले 10 दिनों में हुईं करीब 42 हत्याएं

By एस पी सिन्हा | Updated: November 30, 2025 14:42 IST2025-11-30T14:42:12+5:302025-11-30T14:42:12+5:30

सम्राट चौधरी के गृह मंत्री बनने के बाद के 10 दिनों में 20 नवंबर से लेकर अब तक करीब 42 हत्याएं हुईं हैं। हालांकि ये आंकड़े सरकार की ओर से जारी नहीं किए गए हैं बल्कि ये आंकड़ा मीडिया में आए घटनाओं के आधार पर बताया जा रहा है।

State Home Minister Samrat Chaudhary has so far failed to curb crime in Bihar, with approximately 42 murders in the last 10 days | बिहार में अपराध पर अंकुश लगा पाने में अब तक विफल साबित हुए हैं सूबे के गृह मंत्री सम्राट चौधरी, पिछले 10 दिनों में हुईं करीब 42 हत्याएं

बिहार में अपराध पर अंकुश लगा पाने में अब तक विफल साबित हुए हैं सूबे के गृह मंत्री सम्राट चौधरी, पिछले 10 दिनों में हुईं करीब 42 हत्याएं

पटना: बिहार में सम्राट चौधरी के गृह मंत्री बनने के बाद यूपी मॉडल की तरह अपराध नियंत्रण करने का दावा किया जा रहा था। हालांकि सम्राट का बुलडोजर एक्शन चर्चा में है। वहीं, गृह मंत्री बनने के बाद सम्राट चौधरी ने कहा था कि बिहार में सुशासन है और ‎‎अपराध करने वालों को बिहार से‎ जाना होगा। कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। लेकिन आंकड़े इसके उलट हैं। लेकिन सच्चाई ये है कि राज्य में हत्या और रेप जैसी जघन्य घटनाएं रुक नहीं रहीं। सम्राट चौधरी के गृह मंत्री बनने के बाद के 10 दिनों में 20 नवंबर से लेकर अब तक करीब 42 हत्याएं हुईं हैं। हालांकि ये आंकड़े सरकार की ओर से जारी नहीं किए गए हैं बल्कि ये आंकड़ा मीडिया में आए घटनाओं के आधार पर बताया जा रहा है।

बता दें कि पिछले 10 दिनों में पटना, सीवान, गया, कैमूर से लेकर दरभंगा तक से जघन्य अपराध के मामले सामने आए हैं। जिनमें दुष्कर्म के बाद हत्या, सिर काटकर हत्या, बच्चों की हत्या और प्रॉपर्टी विवाद में गोलीबारी शामिल है। कई मामलों में अपराध की क्रूरता ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया। घटनाओं के अनुसार 20–21 नवंबर को दरभंगा के गोपालपुर निवासी 26 वर्षीय गोलू का सिर और धड़ अलग-अलग जगह मिला। प्रेम संबंधों के विवाद में हत्या की पुष्टि हुई। 

स्त्री के पति और अन्य आरोपियों पर लाखों रुपए ऐंठने और बाद में गोलू की हत्या करने का आरोप लगा। पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया, 2 अब भी फरार हैं। वहीं 25 नवंबर को कैमूर के चैनपुर में 10 वर्षीय शिवानी और 12 वर्षीय सुधीर की लाश फंदे पर लटकती मिली। पिता ने आरोप लगाया कि गांव के दबंगों ने नलकूप से पानी पी लेने की ‘रंजिश’ में दोनों की हत्या कर दी। बेटी को देखने गया बेटा भी मारा गया। घटनास्थल की स्थिति ने रोंगटे खड़े दिए। 

25 नवंबर को ही पटना के गोपालपुर में प्रॉपर्टी विवाद में कारोबारी अशरफी राय को गोली मार दी गई। भीड़ ने मौके पर ही दोनों शूटरों को पकड़ कर पीट-पीटकर मार डाला। परिजनों ने अपने ही गोतिया पर हत्या की साजिश का आरोप लगाया। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और आरोपियों के मोबाइल सीडीआर खंगाल रही है। 27 नवंबर को सीवान के पचरुखी में एक अरहर के खेत में युवती का अर्धनग्न शव मिला। परिजन 26 नवंबर की शाम से उसे खोज रहे थे। पुलिस के पास पहुंचे तो जवाब मिला “जवान लड़की है, घूमने गई होगी, खुद लौट आएगी। 

अगली सुबह युवती की लाश मिलने के बाद परिजनों ने रेप कर हत्या की आशंका जताई। 27 नवंबर को ही गया के टिकारी में प्रेम प्रसंग को लेकर 18 साल के संजय की हत्या कर दी गई। उसे सुनसान जगह बुलाकर हाथ-पैर बांधकर कनपटी और गर्दन में गोली मारी गई। कुछ दिन पहले संजय प्रेमिका को लेकर घर से भागा था। लड़की के घरवालों की धमकी के बाद तनाव बढ़ा हुआ था। पुलिस ने इस मामले में 6 आरोपियों पर केस दर्ज कर 2 गिरफ्तारियां की हैं। इसी बीच सीवान में दिनदहाड़े फायरिंग कर ज्वेलरी शॉप लूटने का मामला भी सामने आया। हालांकि 24 घंटे के अंदर पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।

ऐसे में राज्यभर में बढ़ रही अपराधिक घटनाओं को लेकर चर्चाएं तेज हैं। बिहार में अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। हालांकि पुलिस कई मामलों में खुलासा कर रही है तो कई मामलों में पुलिस की लापरवाही भी सामने आ रही है। वैसे अक्सर देखा गया है कि बिहार में विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद अपराध का ग्राफ बढ़ जाता है। 2020 में भी ऐसा हुआ था। बाद में प्रशासन ने नियंत्रित कर लिया था। चुनाव के दौरान चुनाव आयोग का प्रशासन पर हस्तक्षेप रहता है। उस दौरान सब उसके नियंत्रण में रहता है।

उधर, अपराधियों के खिलाफ कारवाई की बजाय भाजपा के नेता सफाई दे रहे हैं। भाजपा के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि बिहार में अब ऑर्गनाइज क्राइम नहीं हो रहे हैं। अगर कोई अपराध हो रहा है तो उसपर सरकार की पैनी नजर है। कोई भी अपराधी अपराध करके खुलेआम नहीं घूम सकता, या तो उसे जेल में जाना होगा या नेपाल भागना होगा। नहीं तो, गया में पिंडदान होगा, यह नीतीश कुमार और सम्राट चौधरी की सरकार है। जबकि कांग्रेस के अनुसार डबल इंजन की सरकार में अपराध चरम पर है। कांग्रेस के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा कि अपराध का ग्राफ दिन पर दिन ऊपर चढ़ता जा रहा है। लॉ एंड ऑर्डर डिसऑर्डर हो गया है। बिहार की जनता इस सरकार के आने से असहज और अनसेफ महसूस कर रही है।

इसी बीच बिहार पुलिस के एडीजी कुंदन कृष्णन ने कहा कि बिहार में आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाने की दिशा में पुलिस लगातार प्रयासरत है। कई घटनाएं व्यक्तिगत दुश्मनी की भी सामने आती हैं, जिस पर नियंत्रण पाना इसलिए मुश्किल होता है, क्योंकि हर जगह पुलिस खड़ा नहीं रह पायेगी। लेकिन जहां तक ऑर्गनाइज क्राइम की बात है तो ऐसी कोई घटना अभी तक सामने नहीं आया है। सीवान में हुई लूट की घटना के तुरंत बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सभी आरोपियों को धर दबोचा है। ऐसे में बिहार में अब अपराधियों की खैर नहीं है।

Web Title: State Home Minister Samrat Chaudhary has so far failed to curb crime in Bihar, with approximately 42 murders in the last 10 days

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