राज्य गठन अधिनियम ‘दोषपूर्ण’ , सुधार की जरूरत है : पीपीए
By भाषा | Updated: February 18, 2021 19:36 IST2021-02-18T19:36:04+5:302021-02-18T19:36:04+5:30

राज्य गठन अधिनियम ‘दोषपूर्ण’ , सुधार की जरूरत है : पीपीए
ईटानगर ,18 फरवरी ‘पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल प्रदेश’ (पीपीए) ने 1987 के राज्य गठन अधिनियम को ‘दोषपूर्ण’ बताते हुए मुख्यमंत्री पेमा खांडू तथा राज्य के सांसदों से इसमें सुधार के लिए केन्द्र के साथ बातचीत करने की अपील की।
अरुणाचल प्रदेश की स्थापना 20 फरवरी 1987 को हुई थी।
पीपीए के महासचिव कलिंग जेरांग ने एक बयान में आरोप लगाया कि विधानसभा की संवैधानिक सहमति के बिना संसद द्वारा पारित अधिनियम में राज्य के मूलनिवासी लोगों की चिंताओं और पीड़ाओं की अनदेखी की गई।
उन्होंने कहा,‘‘ पीपीए लगातार राज्य के लोगों को यह याद दिलाती रही है कि लोग कैसे इस दोषपूर्ण अधिनियम के साथ रह रहे हैं, जो खोखला है और यह अपनी जमीन, नदियों, वनों और खनिजों पर मूलनिवासी लोगों के मालिकाना हक के बारे में कुछ नहीं कहता है।’’
उन्होंने कहा,‘‘ अब जब राज्य और केन्द्र में एक ही राजनीतिक दल का शासन है ,ऐसे में लंबित मुद्दों पर नए सिरे से बात करने के लिए इससे अच्छा अवसर नहीं हो सकता।’’
जेरांग ने कहा कि पार्टी मांग करती रही है कि नागालैंड और मिजोरम जैसे राज्यों के लोगों को जो अधिकार दिए गए हैं वैसे ही संवैधानिक अधिकार यहां के लोगों को भी दिए जाएं।
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