स्टालिन की दिल्ली हवाई अड्डे पर चंद्रबाबू नायडू से हुई मुलाकात, कहा- "उम्मीद है नायडू मोदी सरकार में दक्षिण भारत के राज्यों के अधिकारों की रक्षा करेंगे"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: June 6, 2024 09:31 IST2024-06-06T09:27:35+5:302024-06-06T09:31:52+5:30
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन की दिल्ली एयरपोर्ट पर तेलुगु देशम अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात हुई।

साभार: एक्स
नई दिल्ली: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन की दिल्ली एयरपोर्ट पर तेलुगु देशम अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात हुई। उनकी मुलाकात तब हुई जब वे बुधवार को यहां आयोजित दोनों अपने-अपने गठबंधनों की बैठकों में भाग लेने के बाद तमिलनाडु औऱ आंध्र प्रदेश के लिए रवाना हो रहे थे।
हवाई अड्डे पर हुई बैठक के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किये पोस्ट में स्टालिन ने कहा, "विश्वास है कि नायडू दक्षिणी राज्यों के अधिकारों की सुरक्षा की वकालत करते हुए केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।"
Met Thiru @ncbn garu, a longtime friend of Thalaivar Kalaignar, at Delhi Airport. I conveyed my best wishes to him and expressed hope that we will collaborate to strengthen the ties between the brotherly states of Tamil Nadu and Andhra Pradesh. I am confident that he will play a… pic.twitter.com/IElYek4hQi
— M.K.Stalin (@mkstalin) June 5, 2024
उन्होंने कहा, "मैंने उन्हें अपनी शुभकामनाएं दीं और आशा व्यक्त की कि हम तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के भाईचारे वाले राज्यों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए सहयोग करेंगे। मुझे विश्वास है कि वह दक्षिणी राज्यों की वकालत करते हुए केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। और हमारे अधिकारों की रक्षा कर रहे हैं।”
इंडिया ब्लॉक और बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए दोनों की बुधवार को बैठकें हो रही थीं क्योंकि वे 2024 के चुनाव नतीजे आने के बाद अपने अगले कदम की रणनीति बना रहे थे।
नायडू और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार दोनों की एनडीए में बड़ी भूमिका होगी क्योंकि केंद्र में पिछली दो एनडीए सरकारों के विपरीत, भाजपा अपने दम पर पूर्ण बहुमत से 32 सीटें पीछे रह गई है।
हालांकि जेडी (यू) और टीडीपी ने कहा कि वे एनडीए में बने रहेंगे, लेकिन भारतीय गुट ने उन्हें लुभाना नहीं छोड़ा। इंडिया ब्लॉक की बैठक में नेताओं ने कहा कि टीडीपी और जदयू के लिए दरवाजे खुले हैं।
4 जून के नतीजों को नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ जनादेश बताते हुए इंडिया ब्लॉक ने कहा कि वह भाजपा सरकार द्वारा शासित न होने की लोगों की इच्छा को साकार करने के लिए "उचित समय" पर "उचित कदम" उठाएगा।
जेडीयू और टीडीपी दोनों का एनडीए में शामिल होने और छोड़ने का इतिहास रहा है। वहीं एनडीए दलों ने बुधवार को प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर एक बैठक में सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुनने का प्रस्ताव पारित किया।
कुल मिलाकर 21 एनडीए नेताओं ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए, जिसमें राष्ट्र निर्माण, गरीबों के कल्याण और विकास में पीएम मोदी के प्रयासों की सराहना की गई और कहा गया कि वे सभी उस प्रयास में भागीदार थे।
प्रस्ताव में कहा गया, "लगभग छह दशकों के लंबे अंतराल के बाद, भारत के लोगों ने लगातार तीसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ एक शक्तिशाली नेता को चुना है। हम एनडीए नेताओं ने सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुना है।''
बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, भाजपा नेता अमित शाह और राजनाथ सिंह और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार, तेलुगु देशम पार्टी सुप्रीमो एन चंद्रबाबू नायडू, शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे, जनता दल (एस) नेता एच.डी. कुमारस्वामी, जनसेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) के नेता प्रफुल्ल पटेल सहित भाजपा के सहयोगी दल शामिल हुए।