जम्मू: श्रीनगर में रातभर चली मुठभेड़ में एक पाकिस्तानी आतंकी हैदर समेत चार लोग मारे गए हैं। इनमें एक स्थानीय आतंकी था। वहीं आतंकियों का एक मददगार व डेंटल सर्जन भी क्रास फायरिंग में आकर मारा गया। मरने वालों में एक त्राल का 11 दिन पुराना आतंकी समीर अहमद तांत्रे और दूसरा जम्मू संभाग में बनिहाल का रहने वाला आमिर है।
क्रास फायिंग में मरने वाला आतंकियों का एक मददगार अल्ताफ अहमद पेशे से सीमेंट कारोबारी था। वहीं जिस चौथे युवक का शव मंगलवार सुबह मुठभेड़ स्थल से मिला है, उसकी पहचान वरिष्ठ डेंटल सर्जन डा मुदस्सर गुल के तौर पर हुई है। वह रावलपोरा का रहने वाला था।
डेंटल सर्जन ने आतंकियों को रखा था अपने यहां
बताया जा रहा है कि मुदस्सर मकान में किराए पर रहता था और उस ने ही आतंकियों को अपने यहां ठहरने की इजाजत दी थी। हालांकि सीमेंट व्यापारी के परिजनों का दावा है कि पुलिस ने उसे मानवशील्ड के तौर पर इस्तेमाल किया था।
संबंधित पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मघाती हमले को अंजाम देने के लिए आतंकियों के शहर में घुसने की सूचना पर सुरक्षा बढ़ाई गई थी। आतंकियों के संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश भी दी जा रही थी।
इसी दौरान शाम करीब पांच बजे जानकारी मिली कि आतंकियों का एक दल हैदरपोरा के पास गलवनपोरा में श्रीनगर-बारामुला राजमार्ग पर निजी अस्पताल के पास देखा गया है।
एसओजी ने शाम 6 बजे शुरू की घेराबंदी
अस्पताल के पास वाहनों का एक शोरूम भी है। छह बजे पुलिस के विशेष अभियान दल (एसओजी) ने सीआरपीएफ जवानों के साथ मिलकर आतंकी ठिकाने की घेराबंदी शुरूकर दी। आतंकियों ने खुद को बचाने का प्रयास करते हुए दो से तीन लोगों को बंधक बनाने का भी प्रयास किया, लेकिन सुरक्षाबलों की त्वरित कार्रवाई और सूझबूझ से आतंकी अपने मंसूबे में नाकाम रहे।
छह मिनट में मारा गया पहला आतंकी
आतंकियों ने जवानों की आत्मसमर्पण की चेतावनी को ठुकराते हुए गोली चला दी। इसके बाद जवानों ने जवाबी फायर किया और अगले छह मिनट में एक आतंकी को मार गिराया।
कश्मीर के आइजीपी विजय कुमार ने बताया कि मुठभेड़स्थल से जो डिजिटल सुबूत मिले हैं, उनसे पता चलता है कि अल्ताफ डार आतंकियों का मददगार था। वह श्रीनगर और बडग़ाम में सक्रिय आतंकियों की हर प्रकार से मदद करता था।
इमारत की ऊपरी मंजिल पर छुपे थे आतंकी
मंगलवार को मारे गए दोनों आतंकी उसकी ही एक इमारत की ऊपरी मंजिल पर छिपे थे। वह आतंकियों द्वारा चलाई गई गोली से ही जख्मी हुआ था और बाद में उसने दम तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि मुठभेड़स्थल और उसके साथ सटी इमारतों की एहतियातन तलाशी ली जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि मुदस्सर इस मकान में किराए पर रहता था और उसी ने आतंकियों को अपने यहां ठहरने की इजाजत दी थी। मारे गए दोनों आतंकियों और उनके सहयोगी के शवों को बरामद कर लिया गया है।
स्थानीय सूत्रों ने बताया कि अल्ताफ एक सीमेंट कारोबारी था। वह मुठभेड़ के समय आतंकियों के साथ ही था। आतंकियों ने तथाकथित तौर पर उसे भी बंधक बनाने का प्रयास किया था। कुछ लोगों के मुताबिक उसने खुद को फंसते देख, आतंकियों का बंधक होने का ड्रामा किया था, लेकिन आतंकियों ने खुद को फंसते देख उसे भी गोली मार दी।