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अटल जी का वास्तव में कोई शत्रु नहीं था और वह सही मायने में अजातशत्रु थेः वेंकैया नायडू

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 16, 2019 19:07 IST

देश में शुक्रवार को वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि मनाई गई। उपराष्ट्रपति कार्यालय ने नायडू के हवाले से ट्वीट किया, ‘‘अटल जी में सभी क्षेत्रों के लोगों और विभिन्न विचारधाराओं के राजनीतिक दलों के नेताओं से जुड़ने की अद्भुत क्षमता थी। अटल जी का वास्तव में कोई शत्रु नहीं था और वह सही मायने में अजातशत्रु थे।’’

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ठळक मुद्देएक अन्य ट्वीट में कहा कि वह ‘‘भविष्य की ओर देखने वाले, आगे बढ़ने वाले’’ भारत में विश्वास करते थे।नायडू ने कहा, ‘‘उनका दृढ़ता से मानना था कि भारत के पास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का वैध अधिकार है।’’

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए शुक्रवार को कहा कि उनमें सभी क्षेत्रों के लोगों और विभिन्न विचारधाराओं के राजनीतिक दलों के नेताओं से जुड़ने की क्षमता थी।

उन्होंने कहा कि वाजपेयी ने सभी को नि:स्वार्थ भाव से देश की सेवा करना और मानवता एवं सहिष्णुता के सिद्धांतों पर प्रतिबद्ध रहना सिखाया। उनका वास्तव में कोई शत्रु नहीं था और वह सही मायने में अजातशत्रु थे। नायडू ने यहां आईसीसीआर स्थित रवींद्रनाथ टैगोर सेंटर में पूर्व प्रधानमंत्री की प्रतिमा का अनावरण किया।

देश में शुक्रवार को वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि मनाई गई। उपराष्ट्रपति कार्यालय ने नायडू के हवाले से ट्वीट किया, ‘‘अटल जी में सभी क्षेत्रों के लोगों और विभिन्न विचारधाराओं के राजनीतिक दलों के नेताओं से जुड़ने की अद्भुत क्षमता थी। अटल जी का वास्तव में कोई शत्रु नहीं था और वह सही मायने में अजातशत्रु थे।’’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि वह ‘‘भविष्य की ओर देखने वाले, आगे बढ़ने वाले’’ भारत में विश्वास करते थे। नायडू ने कहा, ‘‘उनका दृढ़ता से मानना था कि भारत के पास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का वैध अधिकार है।’’

वाजपेयी एक राजनीतिज्ञ और दूरदर्शी थे। वह देश के सबसे बड़े नेताओं में ही शामिल नहीं थे, बल्कि वह सर्वाधिक प्रिय नेताओं में भी शुमार थे। नायडू ने लोकतंत्र को मजबूत करने में वाजपेयी के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने दर्शाया कि लोकतंत्र को सुशासन से कैसे मजबूत किया जा सकता है और पूर्व प्रधानमंत्री ने देश में कनेक्टिविटी क्रांति शुरू की। भाषा बाधाएं आती हैं आए, घिरें प्रलय की घोर घटाएं, पावों के नीचे अंगारे, सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं, निज हाथों में हंसते-हंसते, आग लगाकर जलना होगा। कदम मिलाकर चलना होगा। 

वाजपेयी का राजनीतिक जीवन दर्शन प्रेरणा स्रोत : मुख्यमंत्री

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीतिक जीवन दर्शन को प्रेरणास्रोत बताते हुए शुक्रवार को कहा कि उन्होंने जिस विचारधारा के साथ कार्य किया, उसका अनुसरण कर हमें आगे बढना होगा।

दिवंगत नेता की प्रथम पुण्यतिथि पर यहां भाजपा मुख्यालय में उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा, ‘‘आज भी ऐसा लगता है कि अटल जी हमारे बीच में हैं । उन्होंने कहा कि उनका राजनीतिक जीवन दर्शन हमारे लिए प्रेरणास्रोत है और उन्होंने जिस विचारधारा के साथ कार्य किया, उसका अनुसरण कर हमें आगे बढ़ना होगा।’’

रावत ने अलग उत्तराखण्ड राज्य के गठन में वाजपेयी की महत्वपूर्ण भूमिका को याद करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड के गठन की मंजूरी भी अटल जी ने ही दी थी। इस अवसर पर उन्होंने दिवंगत प्रधानमंत्री के उत्तराखण्ड भ्रमण की स्मृतियों को भी साझा किया।

इससे पूर्व, मुख्यमंत्री आवास में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने वाजपेयी के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए तथा कहा कि वह भारत के ही नहीं बल्कि विश्व के एक महान नेता थे। उन्होंने कहा कि अटल जी का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव रहा है और उत्तराखण्ड को अलग राज्य बनाने के अलावा उन्होंने इसे विशेष राज्य का दर्जा दिया और विशेष औद्योगिक पैकेज भी स्वीकृत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड से विशेष लगाव होने के नाते उत्तराखण्ड की जनता सदैव उनकी आभारी रहेगी। 

सभी मंडलों में अटल जी के नाम पर बनेंगे आवासीय विद्यालय: मुख्यमंत्री

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि के मौके पर शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के 18 मंडलों में अटली जी के नाम पर आवासीय विद्यालय बनाये जायेंगे। इसके साथ ही उनके नाम नाम पर बटेश्वर में एक स्मारक भी बनाया जा रहा है।

राजधानी के लोकभवन में शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया था । पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि 18 मंडलों में अटली जी के नाम पर आवासीय विद्यालय बनाये जायेंगे और प्रदेश सरकार बटेश्वर में उनके नाम पर स्मारक भी बनवा रही है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अटल जी की स्मृति में डीएवी कॉलेज, कानपुर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए भी पांच करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें याद किया और कहा कि आज भी सभी की जुबां पर अटल जी का ही नाम है और हर किसी के मन में उनके लिए सम्मान है। योगी ने कहा, ‘‘अटल जी की नजर में कोई भी व्यक्ति छोटा बड़ा नहीं था। वो सदैव कहते थे कि मैं मरने से नहीं डरता हूं, बदनामी से डरता हूं।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अटल जी के विचार प्रेरणा के स्त्रोत हैं। उन्होंने राजनीति में पारदर्शिता के साथ काम किया । उन्होंने अखंड भारत का सपना देखा था। (जम्मू कश्मीर से)अनुच्छेद 370 (के प्रावधानों को) हटाकर सरकार ने उनको श्रद्धांजलि दी है।’’

योगी ने कहा अटल जी के सम्मान में प्रदेश सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं और लखनऊ में बने इकाना स्टेडियम का नाम अटल जी के नाम पर रखा गया है, इसके साथ ही लखनऊ में चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रक्रिया में है जबकि बलरामपुर में केजीएमयू का सेटेलाइट सेंटर स्थापित किया जा रहा है, जिसे कालांतर में मेडिकल कॉलेज के रूप में विकसित किया जाएगा।

इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित समेत कई बड़े नेता शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने 25 दिसंबर को लोकभवन में अटल जी की 25 फुट की प्रतिमा का अनावरण करने की घोषणा की। 

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