कोरोना वायरस की महामारी का सामना कर रहे चीन को भारत ने मदद की पेशकश की है। भारत चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री भेजना चाहता है और वहां से भारतीयों को वापस लाना चाहता है। इसके लिए भारतीय वायुसेना का विमान तैयार है लेकिन चीन ने वुहान के लिए विमान को भेजने के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी है। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि चीन यह देरी जानबूझ कर रहा है। इस पर भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता का जवाब आया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा है कि हम हमेशा चीन में भारतीयों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को बहुत महत्व देते हैं और भारतीय नागरिकों की वापसी के लिए मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि हुबेई में महामारी की स्थिति जटिल है और रोकथाम और नियंत्रण ने महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश किया है। दोनों देशों के विभाग इस संबंध में बात कर रहे हैं। ऐसी कोई बात नहीं है कि चीन उड़ान की अनुमति देने में जानबूझकर देरी कर रहा है।
पीटीआई-भाषा की खबर के मुताबिक, भारत को कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित चीनी शहर वुहान में 20 फरवरी को सी-17 सैन्य विमान भेजना था लेकिन उड़ान के लिए अनुमति न मिलने के कारण विमान उड़ान नहीं भर सका। एक उच्च स्तरीय सूत्र ने कहा, ‘‘चीन नागरिकों को वापस निकालने के विमान के लिए मंजूरी देने में जानबूझकर विलंब कर रहा है।’’
विमान को चीन में चिकित्सा आपूर्ति का बड़ा जखीरा लेकर जाना था और वुहान से भारतीयों को वापस लाना था। सूत्रों ने बताया कि चीन लगातार कह रहा है कि विमान को मंजूरी देने में कोई देरी नहीं हुई लेकिन उसने ‘‘बिना स्पष्ट कारण’’ बताए मंजूरी नहीं दी है। इस महीने की शुरुआत में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को लिखे पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत कोरोना वायरस की चुनौती से निपटने में चीन के लोगों और सरकार के प्रति एकजुट है और देश को सहायता मुहैया कराने की पेशकश दी।
मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘‘मुसीबत की घड़ी में दूसरों की मदद करने के हमारे लोकाचार को देखते हुए राहत सामग्री की पेशकश की गई जबकि भारत में खुद इनकी भारी कमी है।’’
जिन सामान की आपूर्ति की जानी है उनमें दस्ताने, सर्जिकल मास्क, फीडिंग पम्प और डिफिब्रिलेटर्स हैं जिनकी आवश्यकता चीन ने जताई थी। एयर इंडिया ने दो अलग-अलग उड़ानों में वुहान से पहले ही करीब 640 भारतीयों को निकाल लिया था।
एक अनुमान के मुताबिक, वुहान में अभी 100 से अधिक भारतीय रह रहे हैं। कई देशों ने चीन से अपने नागरिकों को निकाल लिया है और वहां कोरोना वायरस के मद्देनजर लोगों और सामान की आवाजाही पर रोक लगा दी है।
सूत्रों ने बताया कि वुहान में भारतीय नागरिकों का विमान के लिए लंबा इंतजार बना हुआ है। देरी से उन्हें नुकसान हो रहा है और भारत में उनके परिवार के सदस्य मानसिक रूप से काफी परेशान हैं। उन्होंने बताया कि फ्रांस समेत अन्य देशों की राहत सामग्री लेकर और लोगों को निकालने के लिए उड़ानों को मंजूरी दी गई लेकिन भारत के मामले में अनुमति नहीं दी गई। इस मामले के जानकार एक व्यक्ति ने कहा, ‘‘क्या वे भारत की ओर से मुहैया कराये जा रहे सहायता लेने के इच्छुक नहीं हैं? वे वुहान से हमारे नागरिकों को वहां से निकालने में रोड़ा क्यों अटका रहे हैं ।’’