मुंबईः देश को कोरोना वायरस से बचाने के लिए 3 मई तक लॉकडाउन किया गया है। इस दौरान ऑनलाइन में पीडोफाइल, चाइल्ड रेप और चाइल्ड पोर्नोग्राफी के एडिक्शन देखा गया है, जिसको लेकर महाराष्ट्र सरकार कड़े कदम उठाने जा रही है। उसका कहना है कि वह बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों को तुरंत रोकने की कोशिश कर रही है।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि देश में लॉकडाउन के समय चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामले में अचानक से उछाल आया है। हम बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों में आई वृद्धि को रोकने के लिए तत्काल कदम उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र पुलिस के साइबर अपराध विभाग ने 133 मामले दर्ज किए और 46 लोगों को आईपीसी की धारा के तहत गिरफ्तार किया। इनकी गिरफ्तारियां 292, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POSCO) अधिनियम और लॉकडाउन के दौरान आईटी अधिनियम के तहत हुई हैं।
पोर्न साइट देखने वालों से ठगी की कोशिश
इससे पहले महाराष्ट्र पुलिस ने कहा था कि पोर्न साइट देखने वाले लोगों को साइबर ठग धन उगाही वाले मेल भेज रहे हैं और ऐसे मामले तेजी से बढ़े हैं। राज्य पुलिस की साइबर शाखा ने बताया कि ठग ऐसे लोगों को ईमेल भेज रहे हैं जो वेबसाइट्स पर अश्लील सामग्री देखते हैं और उनसे फिरौती के तौर पर बिटक्वाइन की मांग करते हैं। भुगतान नहीं करने पर अश्लील वेबसाइट देखते हुए उनका वीडियो सार्वजनिक करने की धमकी देते हैं।
ठग ऐसे चुराते हैं डाटा
महाराष्ट्र साइबर अपराध शाखा के पुलिस अधीक्षक बालसिंह राजपूत ने कहा था कि ठग पोर्न वेबसाइट पर कुछ मालवेयर (ऐसा साफ्टवेयर जो किसी कम्प्यूटर अथवा व्यक्ति अथवा सर्वर को नुकसान पहुंचाने के इरादे से बनाया जाता है) डाल देते हैं और जब कोई इन साइट्स पर जाता है तो ठग उस व्यक्ति की जानकारी इकट्ठा कर लेते हैं। इसके बाद ब्राउजर रिमोट कंट्रोल कम्प्यूटर की तरह काम करने लगता है और इसके जरिए ये ठग व्यक्ति की स्क्रीन तक पहुंच जाते हैं और उस व्यक्ति के मित्रों के नंबर, सोशल मीडिया और ईमेल पर उसके पहचान वालों की जानकारी ले लेते हैं। उन्होंने बताया था कि सारी जानकारी जुटाने के बाद ठग उपभोक्ता को ईमेल पर धमकी वाले संदेश भेजते हैं कि उस व्यक्ति का पोर्न साइट देखते हुए वीडियो है और अगर उन्हें बिटक्वाइन के जरिए भुगतान नहीं किया गया तो वे यह वीडियो जारी कर देगें। हाल में ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं।
क्या-क्या किया जा रहा सर्च
इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड (आईसीपीएफ) ने कह चुकी है कि लॉकडाउन के दौरान बच्चों से जुड़ी पोर्न सामग्री की मांग बढ़ी है। ऑनलाइन आंकड़ों की निगरानी करने वाली वेबसाइट दिखाती है कि 'चाइल्ड पोर्न', 'सेक्सी चाइल्ड' और 'टीन सेक्स वीडियोज' जैसी खोजों की मांग में वृद्धि हुई। आईसीपीएफ ने एक बयान में कहा था कि दुनिया में पोर्नोग्राफी की सबसे बड़ी वेबसाइट पोर्नहब के डेटा दिखाते हैं कि कोरोना वायरस के प्रकोप से पहले की तुलना में 24 मार्च से 26 मार्च के बीच भारत से आने वाले ट्रैफिक (किसी वेबसाइट पर आगंतुकों की संख्या) में 95 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
पोर्नोग्राफी की लत रखने वाले लाखों लोग हुए सक्रीय
संस्था ने आगाह किया कि यह दिखाता है कि बच्चों के प्रति यौन आकर्षण रखने वाले, बच्चों से दुष्कर्म करने वाले और बाल पोर्नोग्राफी की लत रखने वाले लाखों लोग इन दिनों ऑनलाइन सक्रिय हो गए हैं जो इंटरनेट को बच्चों के लिए बेहद असुरक्षित बनाता है। अगर इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो बच्चों के खिलाफ यौन अपराध बहुत हद तक बढ़ सकते हैं। आईसीपीएफ ने 'भारत में बाल यौन उत्पीड़न सामग्री' शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की। यह नई दिल्ली, चेन्नई, मुंबई, कोलकाता, भुवनेश्वर और इंदौर जैसे भारत के 100 शहरों में चाइल्ड पोर्नोग्राफी की मांग पर किया गया शोध है। दिसंबर 2019 के दौरान सार्वजनिक वेबसाइट पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी की कुल मांग 100 शहरों में हर महीने औसतन 50 लाख थी जो अब बढ़ गई है।