पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिजनों को अब SPG सुरक्षा नहीं, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी, लोकसभा में पेश होगा विधेयक

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 22, 2019 03:41 PM2019-11-22T15:41:40+5:302019-11-22T15:47:32+5:30

सरकार ने कुछ दिन पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके पुत्र राहुल गांधी और पुत्री प्रियंका गांधी वाड्रा को दी गयी एसपीजी सुरक्षा को वापस ले लिया था। इससे पहले 28 वर्ष तक गांधी परिवार को एसपीजी सुरक्षा मिलती रही। इस संबंध में एसपीजी कानून में संशोधन वाला विधेयक अगले सप्ताह लोकसभा में पेश किया जा सकता है।

SPG security to families of former Prime Ministers no longer, Union Cabinet approves bill to be introduced in Lok Sabha | पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिजनों को अब SPG सुरक्षा नहीं, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी, लोकसभा में पेश होगा विधेयक

देश में केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को करीब 4000 अधिकारियों और जवानों वाले एसपीजी बल की सुरक्षा मिली हुई है।

Highlightsसंसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने शुक्रवार को लोकसभा में जानकारी दी।अगले सप्ताह की कार्यसूची में विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) संशोधन विधेयक सूचीबद्ध है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एसपीजी अधिनियम में जिन संशोधनों को मंजूरी दी है, उनके मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिजनों को अब विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के कमांडो सुरक्षा प्रदान नहीं करेंगे। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

सरकार ने कुछ दिन पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके पुत्र राहुल गांधी और पुत्री प्रियंका गांधी वाड्रा को दी गयी एसपीजी सुरक्षा को वापस ले लिया था। इससे पहले 28 वर्ष तक गांधी परिवार को एसपीजी सुरक्षा मिलती रही। इस संबंध में एसपीजी कानून में संशोधन वाला विधेयक अगले सप्ताह लोकसभा में पेश किया जा सकता है।

संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने शुक्रवार को लोकसभा में जानकारी दी कि अगले सप्ताह की कार्यसूची में विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) संशोधन विधेयक सूचीबद्ध है। एसपीजी कानून के मुताबिक प्रतिष्ठित बल के कमांडो प्रधानमंत्री, उनके निकटतम परिजनों, किसी पूर्व प्रधानमंत्री या उनके निकटतम परिवार के सदस्यों की सुरक्षा का जिम्मा उनके पद संभालने की तारीख से एक साल तक और खतरे की आशंका के स्तर के हिसाब से एक साल से ज्यादा समय तक भी संभालेंगे।

अधिकारियों ने बताया कि प्रस्तावित संशोधन के अनुसार अब पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिवार के सदस्यों को एसपीजी सुरक्षा घेरा प्रदान नहीं किया जाएगा। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को हत्या के बाद उनके परिवार के सदस्यों को एसपीजी का सुरक्षा घेरा प्रदान किया गया था जिसे इस महीने की शुरुआत में विस्तृत सुरक्षा आकलन के बाद वापस लेने का फैसला किया गया।

उन्हें 1988 के एसपीजी कानून में सितंबर 1991 में संशोधन के बाद यह वीवीआईपी सुरक्षा घेरा प्रदान किया गया था। गांधी परिवार को अब जेड-प्लस सुरक्षा प्रदान की गयी है जिनमें सीआरपीएफ के जवान शामिल होते हैं। अब देश में केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को करीब 4000 अधिकारियों और जवानों वाले एसपीजी बल की सुरक्षा मिली हुई है।

नियमों के तहत एसपीजी सुरक्षा प्राप्त लोगों के काफिले में सुरक्षाकर्मी, उच्च तकनीक वाले वाहन, जैमर और एंबुलेंस आदि शामिल होते हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरूवार को गांधी परिवार के सदस्यों से एसपीजी सुरक्षा हटाने के सरकार के फैसले पर कहा था कि यह राजनीति का हिस्सा है जो होती रहती है। कांग्रेस ने पिछले दिनों संसद में और संसद से बाहर भी इस विषय को उठाया था।

English summary :
According to the amendments the Union Cabinet has approved in the SPG Act, the kin of former Prime Ministers will no longer provide SPG commandos security.


Web Title: SPG security to families of former Prime Ministers no longer, Union Cabinet approves bill to be introduced in Lok Sabha

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