स्पेशल रिपोर्ट: कॉर्पोरेट टैक्स अध्यादेश को मोदी कैबिनेट की मंजूरी नहीं, PM-राष्ट्रपति ने असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल किया
By हरीश गुप्ता | Published: September 22, 2019 08:12 AM2019-09-22T08:12:53+5:302019-09-22T08:12:53+5:30
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक सप्ताह की यात्रा पर अमेरिका रवाना होने से पहले अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने के लिए अपनी असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल करना पड़ा.
आजाद भारत के इतिहास में यह दुर्लभ मौका था जबकि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कराधान कानून (संशोधन) अध्यादेश 2019 को लागू करने के लिए अपनी असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल किया.
कॉर्पोरेट कर में कटौती को तत्काल लागू करने के लिए शुक्रवार की देर रात अध्यादेश जारी किया गया था. यदि यह भारत के और विदेशी निवेशकों के लिए 'हाउडी' प्रभाव था, तो इसमें कुछ भ्रम और आश्चर्य भी है.
आश्चर्य इस बात का है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक सप्ताह की यात्रा पर अमेरिका रवाना होने से पहले अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने के लिए अपनी असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल करना पड़ा. दूसरा, क्या प्रधानमंत्री ने प्रस्ताव को पारित कराने के लिए कैबिनेट की आपात बैठक करने से रोका.
कैबिनेट में प्रधानमंत्री और एक कैबिनेट मंत्री शामिल होते हैं और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक सभी 25 कैबिनेट मंत्रियों की इसमें उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होती है. यह साफ है कि प्रधानमंत्री के अमेरिका के ह्यूस्टन रवाना होने के कुछ घंटे पहले यह निर्णय लिया गया.
कुछ दशकों में यह पहला मौका है जबकि राष्ट्रपति ने कैबिनेट की मंजूरी के बिना अध्यादेश लागू करने के लिए अपनी असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल किया. इससे पहले राष्ट्रपति ने अपनी असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल वित्त विधेयक पर हस्ताक्षर करने में उस वक्त किया जबकि गतिरोध के कारण संसद इसे पास करने में विफल हो गई थी.
कराधान कानून (संशोधन) अध्यादेश 2019 मामले में कोविंद ने भारत सरकार (कामकाज संचालन)नियम का इस्तेमाल किया जो इस समझ के साथ अध्यादेश को लागू करने की अनुमति देता है कि केंद्रीय कैबिनेट पूर्व प्रभावी अनुमति दे देगा.
हालांकि केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को सुबह में बैठक की थी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नई दिल्ली में थीं, लेकिन उनके गोवा जाने के बाद प्रधानमंत्री ने देश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कॉर्पोरेट कर में छूट देने का ऐतिहासिक निर्णय किया.
निश्चित तौर पर यह प्रधानमंत्री के 20 सितंबर की शाम को ह्यूस्टन रवाना होने से पहले आखिरी घंटे का फैसला था.
पीएम मोदी ने रवानगी से पहले अध्यादेश को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति कोविंद को फाइल भेजने के लिए अपनी असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल किया. राष्ट्रपति कोविंद ने अध्यादेश जारी करने के लिए अपनी असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल किया, जिसे कैबिनेट की मंजूरी नहीं मिली थी.
मोदी के लौटने के बाद कैबिनेट की मंजूरी मिलेगी :
आयकर अधिनियम 1961 और वित्त (संख्या 2) अधिनियम 2019 में अध्यादेश के जरिये संशोधन किसी भी घरेलू कंपनी को इस शर्त के साथ 22 प्रतिशत की दर से आयकर का भुगतान करने का विकल्प देता है कि वह किसी छूट या प्रोत्साहन का लाभ नहीं उठाएगा. निश्चित तौर पर यह असाधारण स्थिति थी क्योंकि कैबिनेट प्रधानमंत्री के लौटने के बाद सितंबर के अंत में निर्णय को मंजूरी देगा.