सोनिया गांधी ने संसद में मोदी सरकार से की मांग, 'स्कूलों में बच्चे आने लगे हैं, फिर से शुरू हो मिड डे मील योजना'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 23, 2022 04:42 PM2022-03-23T16:42:09+5:302022-03-23T16:49:17+5:30
सोनिया गांधी ने लोकसभा में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के बारे में बोलते हुए कहा कि सरकार स्कूलों में फिर से मिड डे मील शुरू करे, ताकि स्कूल जाने वाले छात्रों को पका हुआ गर्म भोजन मिल सके। उन्होंने कहा कि मिड डे मील से वो बच्चे स्कूलों की ओर से फिर से आकर्षित हो सकेंगे, जो महामारी के दौरान स्कूलों से बाहर हो गए थे।
दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को संसद में केंद्र सरकार से मांग की कि वह बच्चों को स्कूल में दिये जाने वाले मिड डे मील को फिर से शुरू करे क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण बीते दो साल से बंद स्कूल एक बार फिर से खुल गये हैं और बच्चे स्कूलों में दोबारा पहुंचने लगे हैं।
सोनिया गांधी ने लोकसभा में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के बारे में बोलते हुए कहा कि सरकार स्कूलों में फिर से मिड डे मील शुरू करे, ताकि स्कूल जाने वाले छात्रों को पका हुआ गर्म भोजन मिल सके। उन्होंने कहा कि मिड डे मील से वो बच्चे स्कूलों की ओर से फिर से आकर्षित हो सकेंगे, जो महामारी के दौरान स्कूलों से बाहर हो गए थे।
उन्होंने कहा, “कोरोना महामारी के कारण बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। स्कूल सबसे पहले बंद होने वाले और सबसे आखिरी में खुलने वाले थे। जब स्कूल बंद हुए तो बच्चों को दिये जाने वाला मिड डे मील भी बंद हो गया था। लोगों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार राशन दिया गया।"
कांग्रेस प्रमुख ने कहा, "लेकिन इस महामारी में बच्चों के लिए सूखे राशन और पके हुए भोजन का कोई विकल्प नहीं था। इसके साथ यह बात भी सच है कि बच्चों के परिवारों को जीविकोपार्जन के लिए एक बड़े संकट का सामना करना पड़ा। कोरोना महामारी के दौरान पैदा हुआ संकट देश पर पहले कभी नहीं आया था। अब जब बच्चे स्कूलों में लौट रहे हैं तो उन्हें और भी बेहतर पोषण की जरूरत है।”
संसद में मोदी सरकार से गुजारिश करते हुए सोनिया गांधी ने कहा, "मैं सरकार से एकीकृत बाल विकास सेवाओं को और मजबूत करने और मिड डे मील योजना को फिर से शुरू करने का अनुरोध करता हूं।"
मालूम हो कि केंद्र सरकार ने 29 सितंबर को 1.1 मिलियन से अधिक सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्रों के लिए समग्र पोषण सुनिश्चित करने के लिए पांच साल के लिए पीएम पोषण योजना को मंजूरी दी। इस योजना के तरह स्कूलों में चल रहे मिड डे मील योजना को भी समाहित कर दिया जाएगा।
केंद्र का लक्ष्य है कि साल 2022 तक बच्चों में कुपोषण की समस्या को खत्म करना है और स्टंटिंग, अल्पपोषण, एनीमिया आदि के स्तर पर बेहतर काम करते हुए भारत के मौनिहालों को निरोग और स्वस्थ्य बनाना है।