कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 12 सितंबर को बुलाई बैठक, आगामी रणनीति पर मंथन!
By रामदीप मिश्रा | Published: September 6, 2019 06:38 PM2019-09-06T18:38:54+5:302019-09-06T18:38:54+5:30
सोनिया गांधी आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में जुटी हुई हैं। उन्होंने 12 सितंबर को कांग्रेस नेताओं की एक बड़ी बैठक बुलाई है।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 12 सितंबर को एक बड़ी बैठक बुलाई है, जिसमें कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं और आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाई जा सकती है। बीते दिन सोनिया गांधी ने दिल्ली इकाई के नए अध्यक्ष के चयन को लेकर चल रही कवायद को लेकर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चार पूर्व अध्यक्षों की बैठक बुलाई थी।
मिली जानकारी के अनुसार, सोनिया गांधी ने 12 सितंबर को महासचिवों, राज्य प्रभारियों और राज्य विधानमंडल दलों के नेताओं की एक बैठक बैठक बुलाई है। यह बैठक दिल्ली में होगी।
A meeting of all All India Congress Committee (AICC) General Secretaries, State In-charges & leaders of State Legislature Parties called by Congress interim president Sonia Gandhi in Delhi on September 12. pic.twitter.com/j8uBESZbs3
— ANI (@ANI) September 6, 2019
खबरों के मुताबिक, गुरुवार (पांच सितंबर) को सोनिया गांधी ने दिल्ली के नए अध्यक्ष के चयन के लिए प्रदेश के पूर्व अध्यक्षों अजय माकन, जेपी अग्रवाल, अरविंदर सिंह लवली और सुभाष चोपड़ा को बुलाया था, जिनके साथ बैठक की। यह बैठक उनके आवास पर हुई थी।
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि बैठक के बाद एक कांग्रेसी नेता कहा कहना था कि सोनिया ने दिल्ली के नए अध्यक्ष के लिए उनसे राय ली थी। हमने उन्हें अपने सुझाव दिए और कहा कि वह जो भी फैसला करेंगी वो सबको स्वीकार्य होगा।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का पिछले महीने निधन हो गया था, जिसके बाद से दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का पद रिक्त है। नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए शीला के पुत्र और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित, दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया, पूर्व अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल, अजय माकन, सुभाष चोपड़ा और वरिष्ठ नेता योगानंद शास्त्री सहित कई नेताओं के नामों की चर्चा चल रही है।
कांग्रेस की दिल्ली इकाई के नए अध्यक्ष का चयन इस मायने में महत्वपूर्ण है कि अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होना हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और आम आदमी पार्टी (आप) की मौजूदगी में कांग्रेस राष्ट्रीय राजधानी में अपनी खोई जमीन वापस पाने के लिए संघर्ष कर रही है।