संसद, विधानसभाओं के कामकाज पर शीर्ष न्यायालय की टिप्पणी को लेकर कुछ दलों ने चिंता प्रकट की

By भाषा | Published: November 28, 2021 10:11 PM2021-11-28T22:11:47+5:302021-11-28T22:11:47+5:30

Some parties expressed concern over the remarks of the Supreme Court on the functioning of Parliament, Assemblies | संसद, विधानसभाओं के कामकाज पर शीर्ष न्यायालय की टिप्पणी को लेकर कुछ दलों ने चिंता प्रकट की

संसद, विधानसभाओं के कामकाज पर शीर्ष न्यायालय की टिप्पणी को लेकर कुछ दलों ने चिंता प्रकट की

नयी दिल्ली, 28 नवंबर संसद और विधानसभाओं के कामकाज तथा कानून बनाने के तरीकों पर उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी पर चिंता प्रकट करते हुए कुछ नेताओं ने रविवार को राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू से कहा कि यह पीठासीन अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि नियमों का किसी तरह का उल्लंघन होने पर वे कार्रवाई करें। उन्होंने यह भी कहा कि अन्य संवैधानिक संस्थाओं को इस पर प्रतिकूल टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।

सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर नायडू द्वारा अपने आवास पर बुलाई गई विभिन्न दलों के नेताओं की एक बैठक में यह मुद्दा उठा।

सूत्रों के मुताबिक, नेताओं ने कहा कि यह पीठासीन अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि यदि किसी सदस्य या दल द्वारा संसद या विधानसभा की कार्यवाही का उल्लंघन किया जाता है तो वह उपयुक्त कार्रवाई करे तथा संवैधानिक संस्थाओं को इस पर प्रतिकूल रूप से टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।

नायडू ने नेताओं को जवाब देते हुए कहा, ‘‘मैं आपकी चिंताएं समझ सकता हूं। लेकिन इस तरह की टिप्पणी को लगातार व्यवधान, अशिष्ट बर्ताव और नुकसान पहुंचाने वाले हिंसक कृत्यों द्वारा विधानमंडलों के कामकाज को प्रभावित किये जाने के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। ’’

नायडू द्वारा बैठक में कही गई बात को एक सूत्र ने उद्धृत करते हुए कहा , ‘‘इसका सर्वश्रेष्ठ उपाय सदन की गरिमा व अनुशासन को कायम रखते हुए विधानमंडलों के उपयुक्त कामकाज को सुनश्चित करना है...। ’’

बैठक में मंत्रियों सहित विभिन्न दलों के नेता शरीक हुए। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विधायी एजेंडा के बारे में बैठक को संबोधित किया, जबकि सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य दलों के नेताओं ने शीतकालीन सत्र के दौरान उठाये जाने वाले मुद्दों को जिक्र किया।

कुछ नेताओं ने संसद के मॉनसून सत्र के दौरान लगतार व्यवधान से कार्यवाही का 70 प्रतिशत समय बर्बाद होने का भी जिक्र किया।

कई नेताओं ने सदन के सुचारू संचालन पर जोर दिया और शीतकालीन सत्र को उत्पादक बनाने की अपील की।

नायडू ने सरकार और विपक्ष से नियमित रूप से एक दूसरे से बात करने की अपील की, ताकि सदन का प्रभावी रूप से कामकाज सुनिश्चित हो सके।

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Web Title: Some parties expressed concern over the remarks of the Supreme Court on the functioning of Parliament, Assemblies

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