बांदा (उप्र), 21 नवंबर बांदा शहर में शुक्रवार आधी रात नाली में कूड़ा फेंकने को लेकर हुए विवाद में चचेरे भाइयों ने धारदार हथियार से हमलाकर एक सिपाही, उसकी मां एवं बहन की हत्या कर दी। इस वारदात में दो अन्य लोग घायल हो गए।
पुलिस ने इस मामले में नामजद 15 आरोपियों में से शनिवार शाम नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेता और पूर्व मंत्री जीसी दिनकर ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर पुलिस चाहती, तो इस घटना को रोक सकती थी।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) डॉ. सिद्धार्थ शंकर मीणा ने बताया, "गायत्री नगर (चमरौड़ी) मोहल्ले के परशुराम तालाब की बस्ती में रहने वाले सिपाही अभिजीत वर्मा (27), उसकी बहन निशा और मां रमावती (54) की लाठी-डंडों एवं धारदार हथियार से हमला कर हत्या करने के मामले में अभिजीत के छोटे भाई सौरभ वर्मा की तहरीर पर शनिवार को सोमचन्द्र, उसकी पत्नी शकुंतला, धर्मेंद्र, उसकी मां मछला और पत्नी शिवपति, देवराज, उसकी पत्नी रज्जो, उसके बेटे राज उर्फ गोपी, शिवपूजन, उसकी पत्नी धर्मवती, सुरेश उर्फ बबलू, सूरज, कामता, उसका भाई रोहित और इसी पक्ष की एक विवाहित लड़की के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।"
उन्होंने बताया, "नामजद 15 आरोपियों में से नौ आरोपियों की शनिवार देर शाम तक गिरफ्तारी की जा चुकी है, बाकी फरार छह आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कई टीमें लगातार दबिश दे रही हैं।"
एसपी ने बताया, "पोस्टमॉर्टम कराने के बाद अभिजीत, निशा और रमावती के शव सौरभ को सौंप दिए गए हैं और शांति व्यवस्था कायम करने के लिए मोहल्ले में अब भी भारी तादाद में पुलिस बल तैनात है।"
उन्होंने बताया, "हमले के दौरान अभिजीत, उसकी बहन और मां को बचाने के दौरान अभिजीत के साथी दिलीप (24) और एक महिला रज्जो देवी (35) भी कुल्हाड़ी लगने से घायल हो गए, जिन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। सिपाही अवकाश में दीवाली मनाने अपने घर आया था।’’
वहीं, शहर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) दिनेश सिंह ने बताया, "दोनों चचेरे भाइयों के बीच नाली में कूड़ा और सड़े चावल फेंकने को लेकर शुक्रवार देर शाम पहले मामूली विवाद हुआ था, जिसके बाद अभिजीत के चचेरे भाई देवराज, शिवपूजन और बबलू ने तमंचे से हवा में गोलियां चलाकर दहशत फैलाई थी।"
उन्होंने बताया कि रात करीब साढ़े 11 बजे पांच-छह लोगों ने अभिजीत के घर पर धावा बोल दिया और घर से बाहर घसीट कर तीनों की हत्या कर दी
घटना की जानकारी मिलने पर बांदा परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) के. सत्यनारायण, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ शंकर मीणा और जिलाधिकारी आनन्द कुमार सिंह ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया और मामले में आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।
इस बीच, दिनकर ने शनिवार को "पीटीआई-भाषा" से कहा, "बांदा शहर में एक सिपाही, उसकी बहन और मां की हत्या पुलिस की लापरवाही की वजह से हुई है। यदि पुलिस चाहती तो घटना टल सकती थी।"
उन्होंने कहा कि नाली में कूड़ा फेंकने को लेकर बृहस्पतिवार को विवाद हुआ था।
उन्होंने कहा, ‘‘इसकी शिकायत लेकर सिपाही अभिजीत की मां रमावती उसी दिन कालूकुआं पुलिस चौकी गयी थी, लेकिन पुलिस ने परिवारिक विवाद बताकर उन्हें भगा दिया था। इसके बाद महिला ने शहर कोतवाल से मिलकर मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन वहां भी मामले को कोई तरजीह नहीं दी गयी। पुलिस की लापरवाही का नतीजा अब सबके सामने है।"
दिनकर ने कहा, "जहां तक मुझे जानकारी मिली है तो अभिजीत ने भी घटना से कुछ समय पहले कोतवाल के सरकारी फोन पर वारदात होने की आशंका व्यक्त की थी, तब भी कोतवाल ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया था।"
इस बीच, सौरभ ने कहा कि हमलावर उनके चचेरे भाई हैं और घर पास ही है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम दोनों भाइयों का सिपाही पद पर चयन होने से देवराज आदि खुन्नस मानने लगे थे और अक्सर विवाद करते रहते थे। उनका मकसद था कि हम अपना घर बेचकर कहीं और चले जाएं।"
पुलिस के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया, "तिहरे हत्याकांड में पुलिस की लापरवाही की भी जांच की जा रही है। यदि पुलिस की चूक सामने आई तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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