एस्ट्राजेनेका टीके के बाद खून का थक्का बनने की दर में मामूली वृद्धि : डेनमार्क, नॉर्वे का अध्ययन
By भाषा | Published: May 6, 2021 07:01 PM2021-05-06T19:01:23+5:302021-05-06T19:01:23+5:30
नयी दिल्ली, छह मई डेनमार्क और नॉर्वे में बड़े अध्ययन से पता चला है कि सामान्य आबादी में संभावित दर के मुकाबले ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक लेने वाले कुछ लोगों में दिमाग समेत खून की नसों में थक्के बनने की दर मामूली सी बढ़ी हुई पायी गई है।
हालांकि, ‘द बीएमजे’ में बुधवार को प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि इस तरह के दुष्प्रभाव के मामले अपेक्षाकृत बहुत कम हैं।
‘यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न डेनमार्क’ और ‘नार्वेजियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ’ के अध्ययनकर्ताओं ने सामान्य आबादी और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रोजेनेका के कोविड-19 रोधी टीके की खुराक लेने वाले लोगों में खून के थक्के और संबंधित जटिलताओं की तुलना की।
डेनमार्क और नॉर्वे में फरवरी 2021 से 11 मार्च के बीच टीके की पहली खुराक लेने वाले 18-65 उम्र समूह के 280,000 लोगों पर यह विश्लेषण किया गया।
शोधकर्ताओं ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य रिकार्ड का इस्तेमाल करते हुए पहली खुराक लेने के 28 दिन के भीतर हृदयाघात, खून का थक्का बनने, रक्तस्राव जैसे दुष्प्रभाव का विश्लेषण किया।
शोधकर्ताओं ने पाया कि एक लाख खुराकों पर 59 लोगों में खून के थक्के पाए गए। दिमाग की नसों में खून का थक्का बनने की दर संभावित से ज्यादा रही। हालांकि, टीम ने पाया कि हृदयाघात का कारण बनने वाले, धमनियों में रक्त के थक्के जमने की दर में कोई वृद्धि नहीं देखी गई।
शोधकर्ताओं ने कहा कि इन मामलों को देखते हुए टीका लेने वालों पर निगरानी बढ़ायी जा सकती है।
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