पंजाब चुनाव लड़ने वाले किसान संगठनों पर SKM सख्त, उनकी बैठकों में शामिल होने वालों को चेतावनी दी
By विशाल कुमार | Published: March 17, 2022 07:15 AM2022-03-17T07:15:48+5:302022-03-17T07:19:00+5:30
एसकेएम ने उन दोनों ही संगठनों पर उसके नाम का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उसने उन लोगों के विरूद्ध अनुशानात्मक कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी जो इन दोनों संगठनों के कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं।
नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बुधवार को कहा कि उसका उन दो किसान संगठनों से कोई संबंध नहीं है जिन्होंने पंजाब में विधानसभा चुनाव लड़ा था।
एसकेएम ने उन दोनों ही संगठनों पर उसके नाम का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उसने उन लोगों के विरूद्ध अनुशानात्मक कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी जो इन दोनों संगठनों के कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं।
एसकेएम के बयान के अनुसार जनवरी में अपनी बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा ने तय किया था कि उससे जुड़ा कोई भी संगठन यदि विधानसभा चुनाव में पार्टी बनाता है तो वह मोर्चा का हिस्सा नहीं होगा। उसने कहा कि मोर्चा ने यह भी तय किया था कि यदि जरूरत हुई तो विधानसभा चुनाव के बाद अप्रैल में इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाएगा।
उसने कहा कि इस फैसले के बाद जिन किसान यूनियनों एवं नेताओं ने दल बनाये एवं संयुक्त समाज मोर्चा एवं संयुक्त संघर्ष पार्टी के नाम पर पंजाब में चुनाव लड़ा, वे कम से कम अप्रैल तक एसकेएम से बाहर हैं।
एसकेएम की सात सदस्यीय समन्वय समिति ने 14 मार्च को यहां गांधी पीस फाउंडेशन में सभी संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलायी थी। बयान में कहा गया है, ‘‘लेकिन मोर्चा के फैसले का इंतजार किये बगैर ही बलबीर सिंह राजेवाल के संयुक्त समाज मोर्चा एवं श्री गुरनाम सिंह चढूनी की संयुक्त संघर्ष पार्टी जबरन सभास्थल पर पहुंच गयी और सभागार पर काबिज होकर समानांतर बैठक करने लगे।’’
बयान के अनुसार किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए समन्वय समिति ने फैसला किया कि देशभर से आये प्रतिनिधि बाहर लॉन में बैठक करेंगे।