CAA पर बोले सीताराम येचुरी, जामिया में जो कुछ हुआ, वह पूरी तरह से अस्वीकार्य, जितनी भी निंदा की जाए, कम है

By भाषा | Updated: December 16, 2019 19:43 IST2019-12-16T19:43:58+5:302019-12-16T19:43:58+5:30

उल्लेखनीय है कि शनिवार और रविवार को सीएए के विरोध में जामिया मिल्लिया में छात्रों और स्थानीय लोगों के विरोध प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए की गयी पुलिस कार्रवाई में कुछ छात्रों के घायल होने की पुलिस और विश्विद्यालय प्रशासन ने पुष्टि की है।

Sitaram Yechury said on CAA, what happened in Jamia is totally unacceptable, as much as it is condemned. | CAA पर बोले सीताराम येचुरी, जामिया में जो कुछ हुआ, वह पूरी तरह से अस्वीकार्य, जितनी भी निंदा की जाए, कम है

येचुरी ने छात्रों के विरुद्ध पुलिस कार्रवाई को बर्बर बताते हुये कहा कि विरोध के स्वर को दबाने के लिए सरकार पूरे देश में पुलिस के दमन का सहारा ले रही है।

Highlightsयेचुरी ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह को दिल्ली पुलिस से जवाब तलब करना चाहिए।किसी भी शिक्षण संस्थान में पुलिस उक्त संस्थान की पूर्व अनुमति के प्रवेश नहीं कर सकती है।

माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने सोमवार को कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में छात्रों के आंदोलन को दबाने के लिए की गयी पुलिस कार्रवाई लोकतंत्र में ‘‘अस्वीकार्य’’ है।

येचुरी ने विश्वविद्यालय परिसर में बिना अनुमति के पुलिस के प्रवेश को गैरकानूनी बताते हुये कहा, ‘‘जामिया में जो कुछ हुआ, लोकतांत्रिक व्यवस्था वाले किसी भी देश में वह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसकी जितनी भी निंदा की जाये, कम है।’’

उल्लेखनीय है कि शनिवार और रविवार को सीएए के विरोध में जामिया मिल्लिया में छात्रों और स्थानीय लोगों के विरोध प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए की गयी पुलिस कार्रवाई में कुछ छात्रों के घायल होने की पुलिस और विश्विद्यालय प्रशासन ने पुष्टि की है।

जामिया की कुलपति नजमा अख्तर ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन की अनुमति के बिना ही दिल्ली पुलिस ने विश्वविद्यालय परिसर में आकर छात्रों के विरुद्ध कार्रवाई की। येचुरी ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह को दिल्ली पुलिस से जवाब तलब करना चाहिए कि उसने जामिया मिल्लिया में बिना पूर्व अनुमति के प्रवेश कैसे किया।

उन्होंने कहा कि कानून के मुताबिक किसी भी शिक्षण संस्थान में पुलिस उक्त संस्थान की पूर्व अनुमति के प्रवेश नहीं कर सकती है। यह कानून पूरे देश में लागू है। येचुरी ने छात्रों के विरुद्ध पुलिस कार्रवाई को बर्बर बताते हुये कहा कि विरोध के स्वर को दबाने के लिए सरकार पूरे देश में पुलिस के दमन का सहारा ले रही है। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं की आवाज को दबाया नहीं जा सकेगा, इसके खिलाफ देशव्यापी विरोध होगा।

संविधान विरोधी है नागरिकता क़ानून, माकपा देगी उच्चतम न्यायालय में चुनौती

माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने संशोधित नागरिकता क़ानून (सीएए) को संविधान विरोधी बताते हुए कहा है कि माकपा इस कानून की संवैधानिकता को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी। येचुरी ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमने इस क़ानून को शीर्ष अदालत में चुनौती देने के लिये याचिका दायर करने की तैयार कर ली है, इसे आज या कल दायर कर दिया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि इस कानून को चुनौती देने की तीन प्रमुख वजह हैं।

पहला, यह मूलत: संविधान विरोधी कानून है, दूसरा यह असम समझौते का उल्लंघन करता है और तीसरा, सरकार ने यह कानून देश में धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण करने के लिये पारित किया है। सीएए के कानूनी पहलुओं पर विचार करने के बाद इसे संसद के दोनों सदनों और फिर राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी मिलने के बाद माकपा की याचिका उच्चतम न्यायालय में टिक पाने के सवाल पर येचुरी ने कहा, ‘‘हमारी नजर में यह कानून असंवैधानिक नहीं बल्कि संविधान के विरुद्ध है।

याचिका पर उच्चतम न्यायालय क्या रुख अपनाता है, यह अदालत को ही तय करना है। हमें लगता है कि अदालत द्वारा सीएबी को संविधान के विरुद्ध करार दिया जायेगा।’’ येचुरी ने भाजपा पर इस क़ानून के माध्यम से देश का सामाजिक सौहार्द ख़राब करने का आरोप लगाते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदर्शनकारियों की वेशभूषा देखकर इनकी पहचान करने का निंदनीय बयान दिया है। इससे सत्तारूढ़ दल और सरकर की मंशा का साफ़ तौर पर पता चलता है।

यह बयान प्रधानमंत्री के पद की गरिमा के विरुद्ध है।” उन्होंने कहा कि असम सहित पूर्वोत्तर राज्यों से लेकर दिल्ली तक एनआरसी और सीएए की वजह से देश में कानून व्यवस्था का संकट पैदा हो गया है। येचुरी ने कहा, ‘‘असम में माकपा कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया गया है, पूरे इलाके में सेना का नियंत्रण हो गया है।’’

माकपा महासचिव ने कहा कि सरकार ने देश का ध्यान बेरोजगारी और आर्थिक संकट से हटाने के लिये एनआरसी और सीएए का शगूफा छोड़ा है। उन्होंने कहा कि वामदलों ने सीएए के विरोध में 19 दिसंबर को पूरे देश में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया है। येचुरी ने कहा कि उन्होंने अन्य विपक्षी दलों से भी इस आंदोलन में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सोमवार को देश के मौजूदा हालात पर हुयी विपक्षी दलों की बैठक में भी इस विषय पर विचार विमर्श किया गया। 

Web Title: Sitaram Yechury said on CAA, what happened in Jamia is totally unacceptable, as much as it is condemned.

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