Sitamarhi Sita Temple: भव्य सीता मंदिर निर्माण की घोषणा कर मिथिलांचल में जगा दी चुनावी अलख?, बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने शुरू की रणनीति

By एस पी सिन्हा | Updated: March 14, 2025 17:49 IST2025-03-14T17:48:27+5:302025-03-14T17:49:29+5:30

Sitamarhi Sita Temple: अहमदाबाद में आयोजित सास्वत मिथिला योजना 2025 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि हम सबने मिलकर राम मंदिर का निर्माण किया। बिहार की धरती सीतामढ़ी में भव्य सीता मंदिर का निर्माण करना है।

Sitamarhi Sita Temple amit shah announcement building grand Sita temple awakened electoral spirit Mithila BJP started strategy Bihar Assembly elections | Sitamarhi Sita Temple: भव्य सीता मंदिर निर्माण की घोषणा कर मिथिलांचल में जगा दी चुनावी अलख?, बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने शुरू की रणनीति

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Highlightsहम भगवान राम और माता सीता के आदर्शों का पालन करने वाले हैं। बिहार में डेरा डालने के अमित शाह के बयान पर सन्नाटा पसरा है। सांसद संजय झा के गुजरात के उस कार्यक्रम में मौजूदगी है।

SitamarhiSita Temple: बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने अपनी चुनावी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। इसी के तहत भाजपा मिथिला के सीतामढ़ी में सीता मंदिर के जीर्णोद्धार को चुनावी मुद्दा बनाना चाहती है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीता मंदिर का मुद्दा उठाया है। बता दें कि पिछले रविवार को अहमदाबाद में आयोजित सास्वत मिथिला योजना 2025 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि हम सबने मिलकर राम मंदिर का निर्माण किया। अब बिहार की धरती सीतामढ़ी में भव्य सीता मंदिर का निर्माण करना है।

हम भगवान राम और माता सीता के आदर्शों का पालन करने वाले हैं। मैं आप सबसे निवेदन करता हूं कि हमारा साथ दें, ताकि हम इस कार्य को पूरा कर सकें। जनकपुर में सीता माता का मंदिर बनाने और चुनाव से पहले बिहार में डेरा डालने के अमित शाह के बयान पर इस बार सन्नाटा पसरा है।

इसकी मूल वजह जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद संजय झा के गुजरात के उस कार्यक्रम में मौजूदगी है। अमित शाह ने कहा है कि चुनाव करीब आते ही वे बिहार में डेरा डालेंगे। पहली बार शाह के बयान पर बिहार की राजनीति में बखेड़ा खड़ा हो गया था। इस बार उनके बयान को लेकर कोई फुसफुसाहट नहीं दिख रही।

बिहार में एनडीए के प्रमुख घटक जदयू के नेता भी नहीं समझ पा रहे हैं कि भाजपा के मन में क्या चल रहा है। भाजपा के नेता अमित शाह की डेरा डालने की घोषणा से काफी उत्साहित हैं तो जदयू में मौन सहमति की खामोशी है। तीन महीने के अंदर अमित शाह का बिहार के संदर्भ में यह दूसरा बयान है।

पहली बार उन्होंने एनडीए के मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर जब बयान दिया था तो इसे लेकर जदयू के लोगों में नाराजगी दिखी थी। हालांकि सीतामढ़ी में भव्य सीता मंदिर के निर्माण की मांग मिथिलावासी काफी लंबे समय से करते आ रहे हैं। ऐसे में अमित शाह के बयान से मिथिलांचल में एनडीए के प्रति लोगों का झुकाव बढ़ सकता है, जिसका लाभ आने वाले विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है।

ऐसे में अमित शाह ने बिहार चुनाव से पहले मिथिला में भव्य सीता मंदिर के निर्माण का मुद्दा उठाकर बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। इस बयान के बाद से ही विपक्षी दलों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया भी सामने आई है। मुख्य विपक्षी पार्टी राजद ने कहा कि भाजपा को सीता मंदिर के पुनर्निर्माण का श्रेय नहीं लेना चाहिए।

राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि भाजपा को मंदिर के जीर्णोद्धार का श्रेय नहीं लेना चाहिए। सितंबर 2023 में जब महागठबंधन की सरकार थी उस वक्त ही सीतामढ़ी के पुनौरा में भव्य सीता मंदिर के निर्माण और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए परियोजना को मंजूरी दी थी। लेकिन यह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।

अब जबकि विधानसभा चुनाव नजदीक है तो भाजपा वोट के लिए माता सीता की मंदिर की माला जपने लगी है। वहीं, जदयू ने शाह के बयान के बाद इस परियोजना के लिए केंद्र से अधिक धन की उम्मीद जताई है। जदयू प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहाने कहा है क सीता मंदिर का पुनर्निर्माण राज्य सरकार की परियोजना है।

अब जब केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने मंदिर का जिक्र किया है, तो हमें केंद्रीय सहायता की उम्मीद है। देवी सीता हमारे सामाजिक मूल्यों की सामूहिक गरिमा से जुड़ी हुई हैं। यह अच्छा है कि केंद्र अयोध्या को सीतामढ़ी से जोड़ने के लिए सड़क परियोजना भी योजना बना रहा है। इस बीच गृह मंत्री के बयान के चुनावी मायने वहीं चुनावी साल केंद्रीय गृह मंत्री के बयान को लेकर चुनावी मायने निकाला जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक सीतामढ़ी के पुनौरा में भव्य सीता मंदिर के निर्माण के पीछे भाजपा की एक बड़ी रणनीति है। इस घोषणा को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से जोड़ कर देखा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार में चुनावी शंखनाद कर चुके हैं। उनके फिर बिहार आने की बात उपमुख्यमंत्री और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी कहते हैं।

वहीं, अमित शाह डेरा डालने की बात कह रहे हैं। हालांकि जदयू में कोई कसमसाहट नहीं दिखती। माना जा रहा है कि इस बार जदयू भाजपा के पीछे ही चलेगा। अभी तक बिहार मे जदयू बड़े भाई की भूमिका में रहा है। ऐसा नीतीश कुमार के नेतृत्व के कारण रहा है।

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