सिसोदिया ने दावा किया कि केंद्र ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की जांच नहीं चाहता

By भाषा | Published: August 26, 2021 12:46 AM2021-08-26T00:46:58+5:302021-08-26T00:46:58+5:30

Sisodia claimed that the Center does not want a probe into the deaths due to lack of oxygen | सिसोदिया ने दावा किया कि केंद्र ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की जांच नहीं चाहता

सिसोदिया ने दावा किया कि केंद्र ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की जांच नहीं चाहता

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को दावा किया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन की कमी से संबंधित मौतों की जांच के लिए समिति गठित करने की जरूरत खारिज की है क्योंकि इस संबंध में जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित कार्यबल है। सिसोदिया ने कहा कि केंद्र ‘‘जांच से भाग रहा है क्योंकि यदि मौतों की जांच की जाती है तो जनता स्पष्ट रूप से उनकी लापरवाही और धोखाधड़ी को देखेगी।’’ सिसोदिया ने यह दोहराते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा था कि ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की संख्या को सही तरीके से सामने रखने के लिए एक जांच समिति की आवश्यकता होगी। सिसोदिया ने एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से बुधवार को प्राप्त पत्र में उन्होंने दावा किया है कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के बाद 6 मई को एक राष्ट्रीय कार्य बल का गठन किया गया था। उपमुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री के पत्र के हवाले से कहा, ‘‘राष्ट्रीय कार्यबल के पास 12 संदर्भ की प्रासंगिक शर्तें हैं, जिनमें से पांच ऑक्सीजन के लिए हैं और इस कारण से दिल्ली सरकार द्वारा एक जांच समिति गठित करने की आवश्यकता नहीं है।’’ सिसोदिया ने कहा कि मंडाविया ने दावा किया है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा राष्ट्रीय कार्यबल को दिया गया अधिदेश ऑक्सीजन की कमी के चलते हुई मौतों से संबंधित है लेकिन कार्यबल के लिए शीर्ष अदालत द्वारा निर्देशित 12 सूत्री एजेंडा अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति और भविष्य के लिए सिफारिशों और प्रबंधन से संबंधित है।उप मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जब ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौतों की जांच के लिए कार्यबल के अधिदेश में कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया है, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री दावा कर रहे हैं कि ऑक्सीजन की कमी के कारण मौतों का आकलन करने के लिए एक जांच समिति गठित करने की कोई आवश्यकता नहीं है।’’उन्होंने कहा, ‘‘यह केंद्र सरकार द्वारा बहुत बड़ी धोखाधड़ी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा दिया गया दूसरा कारण यह है कि उच्चतम न्यायालय ने इस आदेश में निर्देश दिया है कि कार्यबल के तहत दिल्ली के लिए एक उप-समूह बनाया जाए और एक अंतरिम रिपोर्ट पहले ही जारी की जा चुकी है, इसलिए जांच समिति का गठन महत्वपूर्ण नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के राष्ट्रीय कार्यबल के तहत, यह उल्लेख किया गया है कि ऑडिट करने का उद्देश्य केंद्र द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए उपलब्ध कराये जाने वाले ऑक्सीजन आपूर्ति के उचित वितरण के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करना है।सिसोदिया ने सवाल किया, ‘‘मैं केंद्रीय मंत्री से पूछना चाहता हूं कि अगर उच्चतम न्यायालय को ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौतों की जांच करनी थी, तो केंद्र सरकार ने पहले राज्यों से मौतों की संख्या घोषित करने के लिए क्यों कहा? केंद्र सरकार किस तरह का नाटक है कर रही है?’’उन्होंने आरोप लगाया कि इतनी मौतों के पीछे केंद्र द्वारा ऑक्सीजन का ‘‘घोर कुप्रबंधन’’ है।उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इस तरह के घोर कुप्रबंधन के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गैरजिम्मेदारी और उनका ध्यान हमारे देश के लोगों के बजाय पश्चिम बंगाल चुनावों की ओर होना है।

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Web Title: Sisodia claimed that the Center does not want a probe into the deaths due to lack of oxygen

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