चंडीगढ़, 21 अक्टूबर हरियाणा पुलिस का विशेष जांच दल (एसआईटी), एक कथित वीडियो की सत्यता की जांच कर रहा है जिसमें सिंघू बॉर्डर पर भीड़ द्वारा बुरी तरह पीटा गया एक व्यक्ति मौत से पहले कुछ कहता नजर आ रहा है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
खरखौदा, सोनीपत के सहायक पुलिस अधीक्षक मयंक गुप्ता ने बृहस्पतिवार को फोन पर बताया, “यह वीडियो कल से साझा किया जा रहा है और हम इसकी सत्यता की जांच कर रहे हैं जिसमें पीड़ित को अपने आसपास एकत्र हुई भीड़ से यह कहते सुना जा सकता है कि उसे किसी ने 30 हजार रुपये दिए थे। उसे यह पैसे किसलिए दिए गए थे यह स्पष्ट नहीं हो सका है।”
उन्होंने कहा, “यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या वह यह सब किसी दबाव में कह रहा है ?’’ गुप्ता, घटना की जांच के लिए गठित दो एसआईटी में से एक के प्रमुख हैं। मामले की पूरी जांच के लिए जहां एक एसआईटी बनाई गई है वहीं, गुप्ता की अगुवाई वाली एसआईटी सोशल मीडिया पर साझा किये जा रहे वीडियो की जांच के लिए गठित की गई है।
गुप्ता ने हाल में सामने आए वीडियो के बारे में कहा कि पीड़ित भीड़ को किसी के फोन नंबर की जानकारी भी दे रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी खबरें भी हैं कि घटना का एक और वीडियो है जो सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है और पुलिस उसकी सत्यता की जांच भी कर रही है।
गुप्ता ने कहा, “विभिन्न वीडियो के आधार पर, हमने घटना में शामिल और लोगों की पहचान की है। आगे की जांच जारी है।” बुधवार को, पंजाब सरकार ने भी एक विशेष जांच दल गठित किया था को सिंघू पर किसान प्रदर्शन स्थल पर भीड़ के हाथों कथित तौर पर मारे गए दलित मजदूर की बहन की शिकायत की जांच करेगा।
मृतक की बहन ने कहा था कि उसके भाई को बहला-फुसला कर दिल्ली-हरियाणा सीमा पर ले जाया गया था। उसने इस मामले की जांच की भी मांग की थी।
पंजाब के तरनतारन के गए गांव के रहने वाले लखबीर सिंह का शव 15 अक्टूबर को सिंघू बॉर्डर पर अवरोधक से बंधा मिला था। उसका एक हाथ कटा हुआ था और शरीर पर तेज धार वाले हथियार के घाव थे। इस मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया हुई और दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए कार्रवाई की मांग होने लगी। दिल्ली की सीमाओं पर केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में पिछले साल नवंबर से किसानों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है।
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