आपदा पूर्व सूचना और तैयारियों के लिए दो सहमझौता पत्र पर दस्तखत
By भाषा | Updated: November 10, 2021 19:47 IST2021-11-10T19:47:01+5:302021-11-10T19:47:01+5:30

आपदा पूर्व सूचना और तैयारियों के लिए दो सहमझौता पत्र पर दस्तखत
देहरादून, 10 नवंबर उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन अधिकारियों को प्रशिक्षित करने तथा हिमालयी क्षेत्रों में हिमनद, हिमस्खलन और भूस्खलन जैसे खतरों की उपग्रहों के माध्यम से सतत निगरानी कर उनकी पूर्व सूचना उपलब्ध कराने के लिए बुधवार को राज्य आपदा प्राधिकरण (यूएसडीएमए) और भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (आईआईआरएस) देहरादून के बीच दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर दस्तखत किए गए ।
एमओयू के तहत आईआईआरएस अंतरिक्ष तथा भौगोलिक सूचना प्रणाली के अंतर्गत होने वाले सतत विकास संबंधी गतिविधियों को लेकर आपदा प्रबंधन के अधिकारियों एवं कार्मिकों को प्रशिक्षित करेगा तथा हिमालयी क्षेत्रों में हिमनद, हिमस्खलन, भू-स्खलन आदि खतरों को उपग्रहों के माध्यम से सतत निगरानी कर संभावित खतरों से पूर्व राज्य को सूचना उपलब्ध करायेगा।
एमओयू को राज्य के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए रावत ने कहा कि राज्य में आने वाली विभिन्न आपदाओं एवं अन्य चुनौतियों से निपटने में आईआईआरएस का तकनीकी सहयोग एवं प्रशिक्षण लाभकारी साबित होगा।
हिमालयी क्षेत्रों में किये गये विभिन्न अध्ययनों का प्रस्तुतिकरण देते हुए संस्थान के निदेशक प्रकाश चौहान ने पूर्व में केदारनाथ एवं उत्तरकाशी जिले में आई आपदाओं की उपग्रह तस्वीरों के साथ उनका विश्लेषण भी किया।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में भी उपग्रह के माध्यम से हिमालयी क्षेत्रों में बनने वाली झीलों, हिमस्खलन एवं भूस्खलन पर लगातार नजर रखी जा रही है और इसकी सूचना केंद्र और राज्य सरकार को भी उपलब्ध कराई जाती है।
प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव एस.ए. मुरूगेशन ने आपदा पूर्व तैयारियों के लिए तकनीकी सहयोग को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि प्रशिक्षण मिलने से कार्मिकों को आपदा से पहले की तैयारियों के कार्यों में दक्षता हासिल हो पायेगी।
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