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तेलंगाना में सिद्दीपेट के कलेक्टर ने मुख्यमंत्री के पैर छुए, विपक्ष ने की आलोचना

By भाषा | Updated: June 21, 2021 13:15 IST

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हैदराबाद, 21 जून तेलंगाना में सिद्दीपेट के कलेक्टर वेंकटराम रेड्डी ने उच्चाधिकारियों एवं लोक प्रतिनिधियों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) के पैर छूकर विवाद खड़ा कर दिया।

केसीआर कई सरकारी कार्यालयों का उद्घाटन करने के लिए रविवार को सिद्दीपेट में थे। उन्होंने इसी के तहत कलेक्टर कार्यालय का उद्घाटन किया, जहां वेंकटराम रेड्डी भी मौजूद थे। प्रतीकात्मक रूप से कलेक्टर की कुर्सी पर बैठने के बाद, रेड्डी वहां से उठे और उन्होंने केसीआर के पैर छुए जो कि अन्य लोगों के साथ उनके पास ही खड़े थे। इस घटना का वीडियो वायरल हो गया है।

इस घटना के समय मुख्य सचिव सोमेश कुमार और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी वहां मौजूद थे। वीडियो में मुख्यमंत्री कलेक्टर को पैर छूने से रोकने की कोशिश करते दिख रहे हैं। रेड्डी ने रविवार रात एक बयान जारी कर स्वयं को सही ठहराते हुए कहा कि केसीआर उनके लिए पितातुल्य हैं।

कलेक्टर ने बयान में कहा, ‘‘शुभ अवसरों पर बड़ों का आशीर्वाद लेना तेलंगाना की संस्कृति का हिस्सा है। मैं जब नए कलेक्टर कार्यालय में कार्यभार संभाल रहा था, तब मैंने मुख्यमंत्री का आशीर्वाद लिया, जो मेरे लिए पिता के समान हैं।’’

रेड्डी ने इसे मुद्दा न बनाने का अनुरोध किया और कहा कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि रविवार को पितृ दिवस भी था।

तेलंगाना भाजपा प्रमुख के प्रवक्ता के कृष्ण सागर राव ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केसीआर द्वारा किया जा रहा नौकरशाहों का तुष्टिकरण काम कर रहा है, जैसा कि सिद्दीपेट के जिला कलेक्टर ने सबसे सामने अपने गुरु एवं मुख्यमंत्री के पैर छूकर उनके प्रति अपनी निष्ठा दिखाई।

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘इस तरह की हरकत एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को शोभा नहीं देती। इस तरह के कदम आईएएस अधिकारियों की गरिमा, अखंडता और स्वतंत्रता को कमतर करते हैं।’’

उन्होंने कहा कि राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों को, अपने राजनीतिक आकाओं के चाटुकारों में बदलने के बजाय, ईमानदारी से अपनी पेशेवर भूमिका और जिम्मेदारियों को निभाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के प्रवक्ता श्रवण दासोजू ने कहा कि सिद्दीपेट कलेक्टर का मुख्यमंत्री के पैर छूना आपत्तिजनक और अस्वीकार्य है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने वेंकटराम रेड्डी को तेलंगाना के कई नौकरशाहों की तरह गुलाम बना लिया है। अधिकतर नौकरशाह पूरी तरह से भूल गए हैं कि वे सत्ता में मौजूद किसी व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि केवल भारतीय संविधान के प्रति जवाबदेह हैं।’’

उन्होंने कहा कि इस घटना ने संकेत दिया है कि तेलंगाना में केवल अराजकता और तानाशाही है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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