बेंगलुरु, 20 नवंबर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को कहा कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार को केंद्र सरकार से प्रेरणा लेकर राज्य में एपीएमसी (संशोधन) कानून और कर्नाटक भूमि सुधार (संशोधन) कानून को तुरंत निरस्त कर देना चाहिए।
सिद्धरमैया ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज्य सरकार भी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा किसानों पर थोपे गए तीन काले कानूनों के पक्ष में थी, जिसने अब तीन कानूनों को निरस्त कर अपने पापों का प्रायश्चित किया है...अब राज्य में भाजपा सरकार की बारी है।’’
विपक्षी दल कांग्रेस के विरोध के बीच भाजपा नीत राज्य सरकार द्वारा पिछले साल दोनों कानूनों को पेश किया गया था। विपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने आरोप लगाया कि एपीएमसी संशोधन कानून पेश करने के पीछे की मंशा कृषि उत्पाद विपणन समितियों (एपीएमसी) को दरकिनार कर निजी कंपनियों के सीधे उत्पादकों से संपर्क करने के लिए दरवाजे खोलना था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘यदि एपीएमसी (संशोधन) कानून लागू होता है तो राज्य सरकार का व्यापारियों पर कोई नियंत्रण नहीं होगा और वह उनकी गतिविधियों की निगरानी नहीं कर सकती है। विभिन्न शुल्क भी नहीं लगाए जा सकते।’’ सिद्धरमैया ने यह भी आरोप लगाया कि भूमि सुधार (संशोधन) कानून का उद्देश्य भूमि हड़पने वालों को लाभ पहुंचाना है।
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