परिन्दे प्रकाशन द्वारा प्रकाशित श्री विलास सिह की पुस्तक कविता के बहाने का लोकार्पण समारोह दिनांक 22.10.2019 को मोहन नगर, ग़ाज़ियाबाद स्थित आई.टी.एस कॉलेज के सभागार में संपन्न हुआ।समारोह की अध्यक्षता प्रख्यात कवि, कथाकार, आलोचक डॉ गंगा प्रसाद विमल ने की। वरिष्ठ कवि श्री लीलाधर मंडलोई, श्री मदन कश्यप, प्रोफ़ेसर देवशंकर नवीन व श्रीमती अलका सिन्हा ने संग्रह पर अपनी समीक्षात्मक राय ज़ाहिर की और काव्य संग्रह को एक सार्थक उपलब्धि बताया।
इन कविताओं में पेड़, पहाड़, नदी, गौरैयों और गिद्धों के माध्यम से पर्यावरण और प्रकृति से जुड़ी चिंताओं की चर्चा है। महिला सुरक्षा और महिलाओं के प्रति समाज के रूढ़िवादी और पितृसत्तात्मक रवैए की पड़ताल भी इस संग्रह की कविताओं में की गयी है। सभी वक्ताओं ने क़ाबू संग्रह ‘कविता के बहाने ‘ को आवश्यक रूप से पठनीय संग्रह बताया और इस के लिए कवि को बधाई दो। आपने वक्तव्य में श्री विलास सिंह ने कहा की कविता की सार्थकता इस बात में है कि वह आपके मनोभावों से तादात्म्य स्थापित कर सके और कवि की अनुभूति पाठक की अपनी अनुभूति बन जाए।