कश्मीर हालात पर शिवसेना ने कहा- गुस्सा आता है, कांग्रेस और वामदल का यह है स्टैंड
By भाषा | Published: August 3, 2019 03:07 AM2019-08-03T03:07:38+5:302019-08-03T03:07:38+5:30
येचुरी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘संसद सत्र चल रहा है। प्रधानमंत्री क्यों सदन को विश्वास में नहीं ले रहे हैं? जम्मू-कश्मीर में अफवाह और घबराहट को फैलने की अनुमति दी जा रही है, जिसमें किसी का भी फायदा नहीं है।’’
शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आतंकवादी खतरों के कारण जम्मू-कश्मीर छोड़ने के लिए कहने वाला परामर्श काफी क्रोधित करने वाला है। आदित्य ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा कि उन्हें ‘‘पूरा भरोसा’’ है कि मोदी सरकार और भारत के सशस्त्र बल उन आतंकवादियों का ‘‘खात्मा’’ कर देंगे जिन्होंने हमारे तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को डराया है तथा जम्मू कश्मीर को फिर से सुरक्षित बनाएंगे।
उन्होंने ट्वीट किया कि मुझे भरोसा है कि हमारे पास प्रत्येक तीर्थयात्री की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए जम्मू कश्मीर से आतंकवादियों का खात्मा करने और इन धमकियों ने ना डरने की शक्ति है। उनकी यह टिप्पणी तब आई है जब सेना ने खुफिया सूचनाओं का हवाला देते हुए दावा किया कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की फिराक में हैं। इसके बाद जम्मू कश्मीर प्रशासन को यात्रियों और पर्यटकों से घाटी में रहने की योजना ‘‘रोकने’’ और तत्काल वहां से निकलने के लिए कहना पड़ा।
जम्मू-कश्मीर में डर का माहौल पैदा हुआ, संवैधानिक गारंटी बरकार रखी जाए: कांग्रेस
जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों के लिए जारी परामर्श एवं अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की पृष्ठभूमि में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में कांग्रेस के जम्मू-कश्मीर से संबंधित नीति नियोजन समूह की बैठक हुई जिसमें राज्य के हालात पर चिंता जताते हुए कहा गया कि इस प्रदेश को मिली संवैधानिक गारंटी बरकरार रखी जानी चाहिए।
कांग्रेस पार्टी के जम्मू-कश्मीर नीति नियोजन समूह बैठक के बाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने एक बयान में कहा कि हालिया घटनाक्रमों से राज्य के लोगों में असुरक्षा और डर का माहौल पैदा हो रहा है। आजाद ने कहा, ‘‘केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकार की ओर से निरंतर आ रही रिपोर्ट को लेकर गहरी चिंता है। इनसे सरकार के इरादे को लेकर अफरा-तफरी और चिंता पैदा हो रही है।’’
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था करने, अमरनाथ यात्रा में कटौती करने, पर्यटकों, तीर्थ यात्रियों और दूसरे लोगों के लिए परामर्श जारी करने से गहरी असुरक्षा और डर का माहौल पैदा हो रहा है।’’ आजाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के जम्मू-कश्मीर नीति नियोजन समूह ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बैठक की जिसमें राज्य के लोगों के बीच पैदा हुई चिंता को लेकर चर्चा की गई।
आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के बीच यह चिंता है कि सरकार अनुच्छेद 35ए और 370 को खत्म करने का इरादा रखती है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के मुताबिक पार्टी के समूह ने यह मत भी जाहिर किया कि जम्मू-कश्मीर को दी गई सैंवाधानिक गारंटी बरकरार रखी जाए। इससे पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने जम्मू-कश्मीर में मौजूद अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को जल्द से जल्द से राज्य से बाहर निकलने से जुड़े सरकारी परामर्श का विषय शुक्रवार को सदन में उठाया और कहा कि सरकार को सदन में इस पर बयान देना चाहिए।
सदन में बांध सुरक्षा विधेयक पर चर्चा के बीच में इस विषय को उठाते हुए चौधरी ने कहा कि ऐसी खबरें आ रही हैं कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा को लेकर सरकार की ओर से कोई परामर्श जारी किया गया है। हमारी मांग है कि सरकार इस बारे में यहां जवाब दे। पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने कहा कि चर्चा होने दीजिए, इस पर बाद में देखते हैं। इसके बाद उन्होंने चर्चा को आगे बढ़ाया। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने पर्यटकों, अमरनाथ यात्रियों को घाटी में रहने की अवधि में कटौती करने का परामर्श जारी किया है। सरकार ने पर्यटकों, अमरनाथ यात्रियों को सलाह दी है कि वे जल्द से जल्द घाटी से लौटने के लिए जरूरी कदम उठाएं।
सुरक्षा परामर्श जारी करने से पहले संसद को विश्वास में क्यों नहीं लिया गया: वाम दल
वामपंथी पार्टियों ने अमरनाथ यात्रियों और कश्मीर घाटी में पर्यटकों के लिए जारी किए गए सुरक्षा परामर्श को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इस तरह का संदेश जारी करने से पहले संसद को विश्वास में लेना चाहिए था।
एक ट्वीट में माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने आरोप लगाया कि इससे जम्मू-कश्मीर में अफवाहों को फैलने का मौका दिया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने शुक्रवार को अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को घाटी से जल्द से जल्द निकलने की व्यवस्था करने को कहा है क्योंकि तीर्थयात्रियों पर संभावित आतंकी हमले की खुफिया जानकारी मिली है।
येचुरी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘संसद सत्र चल रहा है। प्रधानमंत्री क्यों सदन को विश्वास में नहीं ले रहे हैं? जम्मू-कश्मीर में अफवाह और घबराहट को फैलने की अनुमति दी जा रही है, जिसमें किसी का भी फायदा नहीं है।’’ भाकपा महासचिव डी राजा ने कहा कि आतंकवाद एक ऐसा मामला है जिसको लेकर पूरा देश चिंतित है। सभी पार्टियों ने इस पर एक स्वर में बोला है और सरकार जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर संसद को जानकारी देने के लिए कर्तव्य से बंधी है।