भतीजे अखिलेश यादव की महफिल में बेगाने हुए चाचा शिवपाल यादव को याद आये हनुमान, बोले- भगवान राम ने हनुमान के भरोसे ही जीता था लंका का युद्ध

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 27, 2022 03:28 PM2022-03-27T15:28:47+5:302022-03-27T15:33:45+5:30

भतीजे अखिलेश यादव की बेरूखी से दुखी चाचा शिवपास यादव ने इटावा में रामायण के हनुमान से खुद की तुलना करते हुए कहा कि हमें हनुमान की भूमिका को याद रखना चाहिए क्योंकि उनकी वजह से ही भगवान राम ने लंका में युद्ध जीता था। उन्होंने कहा कि हनुमान ने लक्ष्मण की जान बचाई थी। भगवान ने भी कठिन परिस्थितियों का सामना किया है लेकिन अंत में सत्य की ही जीत होती है।

Shivpal Yadav, saddened by Akhilesh Yadav, remembered Hanuman, said - Lord Ram won the battle of Lanka by relying on Hanuman | भतीजे अखिलेश यादव की महफिल में बेगाने हुए चाचा शिवपाल यादव को याद आये हनुमान, बोले- भगवान राम ने हनुमान के भरोसे ही जीता था लंका का युद्ध

फाइल फोटो

Highlightsशिवपाल यादव समाजवादी पार्टी विधायक दल की बैठक में आमंत्रित नहीं किए जाने से दुखी हैंशिवपाल यादव ने कहा कि युधिष्ठिर को शकुनि के साथ जुआ नहीं खेलना चाहिए थाअगर जुआ खेलना था, तो दुर्योधन के साथ खेलते, शकुनि ने तो पूरा महाभारत करा दिया

इटावा:समाजवादी पार्टी के प्रमुख और अपने भतीजे अखिलेश यादव की बेरूखी से आहत शिवपाल यादव को अब हनुमान की याद आ रही है।। जानकारी के मुताबिक शिवपाल यादव शनिवार को समाजवादी पार्टी विधायक दल की बैठक में आमंत्रित नहीं किए जाने से बेहद दुखी हैं और रामायण का हवाला देते हुए उन्होंने बाकायदा अपने तकलीफ का इजहार भी कर दिया है।

रामायण में भगवान हनुमान से खुद की तुलना करते हुए शिवपाल यादव ने कहा, "हमें हनुमान की भूमिका को याद रखना चाहिए क्योंकि उनकी वजह से ही भगवान राम ने लंका में युद्ध जीता था।"

सपा नेता ने आगे कहा कि हनुमान ने ही लक्ष्मण की जान बचाई थी। भगवान ने भी कठिन परिस्थितियों का सामना किया है लेकिन अंत में सत्य की ही जीत होती है। शिवपाल यादव ने यह बात रविवार को इटावा में एक कथा आयोजन के मौक पर कही।

रामायण के साथ महाभारत का प्रसंग भी छेड़ते हुए शिवपाल ने कहा कि युधिष्ठिर को शकुनि के साथ जुआ नहीं खेलना चाहिए था। उन्होंने कहा, "अगर उसे खेलना था, तो उसे दुर्योधन के साथ खेलना चाहिए था। यह शकुनि थे जिन्होंने महाभारत के लिए सारी स्थिति तैयार की।"

जब शिवपाल यादव से यह पूछा गया कि वो सपा के वरिष्ठ विधायक हैं लेकिन उसके बावजूद पार्टी की बैठक में उन्हें आमंत्रित नहीं किया। इसके जवाब में शिवपाल यादव ने कहा, "यह सच है, मैं समाजवादी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़कर विधायक बना हूं, लेकिन उसके बाद भी विधायकों की बैठक में मुझे आमंत्रित नहीं किया गया।"

इसके बाद जब पत्रकारों ने शिवपाल यादव से उनकी भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि वह जल्द ही अपने समर्थकों और शुभचिंतकों से इस विषय पर चर्चा करेंगे और उसके बाद उचित फैसला करेंगे।

इस बीच प्रदेश समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने स्पष्ट किया कि सपा के सहयोगियों को 28 मार्च को बैठक के लिए आमंत्रित किया जाएगा। जिन लोगों की शिवपाल सिंह यादव, पल्लवी पटेल, ओम प्रकाश राजभर और महान दल जैसी अपनी-अपनी पार्टियां हैं, उन्हें चुनाव के बाद की स्थिति पर चर्चा के लिए सोमवार को एक बैठक के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

मालूम हो कि साल 2018 में शिवपाल यादव के अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव और भतीजे अखिलेश यादव से रिश्ते काफी तल्ख हो गये थे, जिसके कारण उन्होंने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद शिवपाल यादव ने सपा के बरक्स अपनी एक अलग पार्टी खड़ी कर ली थी. जिसका नाम उन्होंने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया रखा था।

हालांकि, साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव और शिवपाल यादव ने अपने बिगड़े हुए रिश्तों को ठीक करते हुए विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने का ऐलान किया था लेकिन इससे मुलायम परिवार को कई खास फायदा नहीं हुआ और उन्हें भाजपा के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था।

Web Title: Shivpal Yadav, saddened by Akhilesh Yadav, remembered Hanuman, said - Lord Ram won the battle of Lanka by relying on Hanuman

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