शिवसेना नेता संजय राउत ने केंद्र से पूछे तीखे सवाल, कहा- आप नेहरू से इतनी नफरत क्यों करते हैं
By दीप्ती कुमारी | Updated: September 5, 2021 13:27 IST2021-09-05T13:24:17+5:302021-09-05T13:27:40+5:30
शिवसेना के प्रमुख प्रवक्ता संजय राउत ने पोस्टर से नेहरू की तस्वीर हटाने पर सवाल किया है । उन्होंने कहा कि आप नेहरू से इतनी नफरत क्यों करते हैं ।

फोटो सोर्स - सोशल मीडिया
मुंबई : शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि भारत की आजादी के 75वें वर्ष के अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के एक निकाय द्वारा जारी पोस्टर से पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर को हटाना केंद्र की "संकीर्ण मानसिकता" को दर्शाता है और उन्होंने केंद्र सरकारी से पूछा कि आप नेहरू से इतनी नफरत क्यों करते हैं ।
यह नेहरू से इतनी "नफरत" क्यों करते है
राउत ने सेना के मुखपत्र सामना में अपने साप्ताहिक कॉलम 'रोखठोक' में कहा कि शिक्षा मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) ने अपने पोस्टर से नेहरू और मौलाना अबुल कलाम आजाद की तस्वीरों को बाहर रखा है और साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि यह "राजनीतिक प्रतिशोध" का कार्य था ।
राउत ने कहा कि "जिन लोगों की स्वतंत्रता संग्राम में कोई भागीदारी नहीं थी और इतिहास रच रहे हैं, वे स्वतंत्रता संग्राम के नायकों में से एक को बाहर रख रहे हैं। राजनीतिक प्रतिशोध के लिए किया गया यह कृत्य अच्छा नहीं है और उनकी संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है। यह प्रत्येक स्वतंत्रता सेनानी का अपमान है । उन्होंने आगे कहा कि स्वतंत्रता के बाद नेहरू की नीतियों पर मतभेद हो सकते हैं लेकिन स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान से कोई इनकार नहीं कर सकता ।
राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (हाल ही में केंद्र द्वारा घोषित) का जिक्र करते हुए राउत ने कहा, "नेहरू से इतनी नफरत करने का क्या कारण है । वास्तव में, उन्होंने जो संस्थान बनाए हैं, वे अब भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए बेचे जा रहे हैं।" उन्होंने दावा किया कि यह नेहरू की "दीर्घकालिक दृष्टि" के कारण था कि देश आर्थिक तबाही से बचा था ।
साथ ही राउत ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की तारीफ भी की । उन्होंने कहा कि आपको उनसे सीख लेनी चाहिए कि उन्होंने सत्ता में आने के बाद में राज्य के पूर्व सीएम जयललिता और ईके पलानीस्वामी की तस्वीरों को स्कूल बैग से नहीं हटाने का फैसला किया, जो बच्चों को मुफ्त में वितरित किए जा रहे थे । शिवसेना के प्रमुख प्रवक्ता ने कहा कि अगर वह (श्री स्टालिन) राजनीतिक परिपक्वता दिखा सकते हैं, तो आप नेहरू से इतनी नफरत क्यों करते हैं? आपको देश को जवाब देना है ।