मनोहर कुंभेजकर
गत 24 अक्तूबर को विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हुए हैं. इसके लगभग तीन सप्ताह के बाद राज्य में जल्द ही सरकार गठन के आसार दिखाई दे रहे हैं. राज्य में शिवसेना-कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाने को लेकर चल रही बातचीत अंतिम चरण में है. जल्द ही सरकार बनने की संभावना जताई जा रही है.
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे इसका पूरा ध्यान रख रहे हैं कि पार्टी में किसी भी तरह की फूट या धोखेबाजी न हो. उन्होंने शिवसेना के नवनिर्वाचित विधायकों को शुक्र वार, 22 नवंबर को सुबह 10 बजे 'मातोश्री' में बुलाया है. सूत्रों का कहना है कि पहले बैठक होगी. उसके समाप्त होने के बाद शिवसेना के विधायकों और उसको समर्थन देने वाले 7 निर्दलीय विधायकों को कम से कम 4 से 5 दिनों के लिए जयपुर भेजा जा सकता है.
इसीलिए इन सभी विधायकों को 4-5 दिनों के लिए कपड़े, पहचान पत्र, पैनकार्ड व आधारकार्ड लेकर मातोश्री आने का आदेश दिया गया है. इसके पूर्व शिवसेना के विधायकों को 9 से 13 नवंबर तक मालाड के होटल में रखा गया था. उसके पूर्व दो दिन यह विधायक बांद्रा पश्चिम के रंगशारदा में थे. उस समय उनके साथ उनके निजी सचिव,अंगरक्षक, करीबी कार्यकर्ताओं की फौज भी थी.
कहा जा रहा है कि जयपुर दौरे के दौरान इन विधायकों के साथ उनकी फौज नहीं होगी, केवल वे ही होंगे. इन विधायकों को यह भी पता नहीं है कि वे शुक्रवार को जयपुर के लिए कितने बजे निकलेंगे, विमान से जाएंगे या वातानुकूलित बस से. शिवसेना के हिसाब से जयपुर सबसे सुरक्षित स्थान है. इसके पूर्व कांंग्रेस के 44 विधायकों को कांग्रेस नेतृत्व ने जयपुर में ही रखा था. राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है. गोवा में भाजपा सरकार होने से सतर्कता बरतते हुए उद्धव ठाकरे ने गोवा के बजाय अपने विधायकों को रखने के लिए जयपुर का चयन किया.