Shiv sena MLA Disqualification Verdict: आखिर क्या था मामला, 57 साल पुरानी शिवसेना में विभाजन, चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में शिंदे गुट ही असली शिवसेना, स्पीकर नार्वेकर ने क्या-क्या कहा, यहां पढ़ें

By सतीश कुमार सिंह | Published: January 10, 2024 05:38 PM2024-01-10T17:38:44+5:302024-01-10T17:49:22+5:30

Shiv sena MLA Disqualification Verdict Sena vs Sena Uddhav Thackeray Vs Eknath Shinde: शिंदे के नेतृत्व में विधायकों की बगावत के चलते जून 2022 में शिवसेना विभाजित हो गई थी।

Shiv sena MLA Disqualification Verdict Sena vs Sena Uddhav Thackeray Vs Eknath Shinde What is the case Split in 57 year old Shiv Sena Mahavikas Aghadi government fell know story see video | Shiv sena MLA Disqualification Verdict: आखिर क्या था मामला, 57 साल पुरानी शिवसेना में विभाजन, चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में शिंदे गुट ही असली शिवसेना, स्पीकर नार्वेकर ने क्या-क्या कहा, यहां पढ़ें

Shiv sena MLA Disqualification Verdict: आखिर क्या था मामला, 57 साल पुरानी शिवसेना में विभाजन, चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में शिंदे गुट ही असली शिवसेना, स्पीकर नार्वेकर ने क्या-क्या कहा, यहां पढ़ें

Highlightsनार्वेकर ने दो प्रतिद्वंद्वी विधायकों की अयोग्यता पर अपना फैसला सुना दी।उद्धव ठाकरे को 2022 में मुख्यमंत्री पद से हटना पड़ा था। ठाकरे के पिता दिवंगत बाला साहेब ठाकरे ने 1966 में की थी।

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने फैसला सुना दी। शिवसेना के विधायकों पर नार्वेकर ने राय रख दी। तत्कालीन शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के विद्रोह के कारण महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी सरकार के पतन के लगभग दो साल बाद नार्वेकर ने दो प्रतिद्वंद्वी विधायकों की अयोग्यता पर अपना फैसला सुना दी। चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में शिंदे गुट ही असली शिवसेना है।

शिवसेना में विभाजन के बाद उद्धव ठाकरे को जून 2022 में मुख्यमंत्री पद से हटना पड़ा था। शिवसेना की स्थापना ठाकरे के पिता दिवंगत बाला साहेब ठाकरे ने 1966 में की थी। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को दो प्रतिद्वंद्वी सेना खेमों के कुल 34 विधायकों की अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला करने की जिम्मेदारी सौंपी थी।

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि शीर्ष अदालत के अनुसार दोनों गुटों ने संविधान पार्टी के अलग-अलग संस्करण प्रस्तुत किए हैं, तो ऐसे में किस बात को ध्यान में रखा जाना चाहिए, जो संविधान दोनों की सहमति से ईसीआई को प्रस्तुत किया गया था। महाराष्ट्र विधान सचिवालय ने 7 जून 2023 को एक पत्र लिखा था।

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने फैसला सुनाते हुए कहा कि शिवसेना के 2018 संशोधित संविधान को वैध नहीं माना जा सकता, क्योंकि यह भारत के चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार, मैं किसी अन्य कारक पर विचार नहीं कर सकता जिस पर संविधान वैध है। रिकॉर्ड के अनुसार, मैं वैध संविधान के रूप में शिव सेना के 1999 के संविधान पर भरोसा कर रहा हूं।

नार्वेकर का मानना ​​है कि दोनों पार्टियों (शिवसेना के दो गुटों) द्वारा चुनाव आयोग को सौंपे गए संविधान पर कोई आम सहमति नहीं है। नेतृत्व संरचना पर दोनों पार्टियों के विचार अलग-अलग हैं। एकमात्र पहलू बहुमत है। विधायक दल मुझे विवाद से पहले मौजूद नेतृत्व संरचना को ध्यान में रखते हुए प्रासंगिक संविधान तय करना होगा।

क्या है विवाद?

इस मामले की जड़ जून 2022 में हैं, जब एकनाथ शिंदे और लगभग 40 विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह कर दिया, जिसके कारण शिवसेना में विभाजन हो गया। महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के बीच "रिसॉर्ट पॉलिटिक्स" के चलते एक हफ्ते से अधिक समय तक बागी विधायक गुजरात के सूरत से असम के गुवाहाटी चले गए थे।

शिंदे ने अंततः भाजपा से हाथ मिला लिया, जिससे सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई, जिसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस भी शामिल थी। शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया गया जबकि भाजपा के देवेन्द्र फड़नवीस को उपमुख्यमंत्री पद पर संतोष करना पड़ा। महीनों बाद अजित पवार और एनसीपी विधायकों के एक वर्ग के सरकार में शामिल हो गया।

महाराष्ट्र को एक और डिप्टी सीएम मिला। शिंदे के विद्रोह के बाद उद्धव ठाकरे खेमे ने कोपरी-पचपखाड़ी विधायक को सेना के विधायक दल के नेता पद से हटाने का प्रस्ताव पारित किया। सुनील प्रभु को मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया। कुछ घंटों बाद प्रतिद्वंद्वी खेमे ने एक प्रस्ताव पारित कर शिंदे को विधायक दल का प्रमुख घोषित किया और भरतशेत गोगावले को मुख्य सचेतक नियुक्त किया।

सेना-भाजपा सरकार के गठन के बाद नए अध्यक्ष चुने गए नार्वेकर ने गोगावले को सेना के मुख्य सचेतक के रूप में मान्यता दी थी। इसके बाद उद्धव खेमे ने प्रतिद्वंद्वी सेना खेमे के 40 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की। बदले में शिंदे गुट ने उद्धव खेमे के 14 विधायकों के खिलाफ याचिका दायर की।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा है? उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुनाने की समय-सीमा 31 दिसंबर, 2023 तय की थी, लेकिन उससे कुछ दिन पहले 15 दिसंबर को शीर्ष अदालत ने अवधि को 10 दिन बढ़ाकर फैसला सुनाने के लिए 10 जनवरी की नई तारीख तय की।

चुनाव आयोग ने क्या दिया नियम? निर्वाचन आयोग ने शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को 'शिवसेना' नाम और ‘तीर धनुष’ चुनाव चिह्न दिया, जबकि ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट को शिवसेना (यूबीटी) नाम और चुनाव चिह्न ‘जलती हुई मशाल’ दिया गया।

विपक्षी शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा देकर शिवसेना विधायकों की अयोग्यता संबंधी याचिका पर फैसले से पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के बीच हुयी बैठक पर आपत्ति जतायी। इसके बाद ठाकरे और नार्वेकर के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए।

ठाकरे ने बांद्रा स्थित अपने आवास ‘मातोश्री’ में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘अगर न्यायाधीश (नार्वेकर) आरोपी से मिलने जाते हैं, तो हमें न्यायाधीश से क्या उम्मीद करनी चाहिये।’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यह हलफनामा सोमवार को दायर किया गया।

ठाकरे के सहयोगी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के संस्थापक शरद पवार ने भी कहा कि जब किसी मामले की सुनवाई कर रहा कोई व्यक्ति उस व्यक्ति से मिलता है, जिसके खिलाफ मामले की सुनवाई हो रही है, तो इससे संदेह पैदा होता है। पलटवार करते हुए नार्वेकर ने कहा कि ठाकरे को पता होना चाहिए कि विधानसभा अध्यक्ष किस उद्देश्य से मुख्यमंत्री से मिल सकता है।

नार्वेकर ने तर्क दिया, ‘‘अगर वह अब भी ऐसे आरोप लगाते हैं, तो उनका मकसद बहुत स्पष्ट है। ऐसा कोई नियम नहीं है कि अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई करते समय विधानसभा अध्यक्ष कोई अन्य काम नहीं कर सकता है।’’ विधानसभा अध्यक्ष ने रविवार को दक्षिण मुंबई में मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ में एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी।

ठाकरे ने कहा कि दोनों की मुलाकात पिछले साल अक्टूबर में भी हुई थी। शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा, नार्वेकर का फैसला यह तय करेगा कि ‘देश में लोकतंत्र मौजूद है या नहीं’ या क्या दोनों (विधानसभा अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री) लोकतंत्र की ‘हत्या’ करेंगे। ठाकरे ने कहा, ‘‘हमने एक हलफनामा दाखिल कर पूछा है कि क्या न्यायाधीश और आरोपियों के बीच मिलीभगत है।’’

उन्होंने पूछा कि क्या विधाानसभा अध्यक्ष फैसला करने में और देरी करेंगे। ठाकरे ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष कभी मुख्यमंत्री से मिलने नहीं जाते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष मुख्यमंत्री को मिलने के लिये बुलाते हैं। ठाकरे ने कहा कि चूंकि उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल मई में नार्वेकर को अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय करने का निर्देश दिया था।

शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल परब ने कहा कि ऐसे मामलों को निश्चित तौर पर उच्चतम न्यायालय के ध्यान में लाया जाना चाहिये क्योंकि यह एक गंभीर मामला है। परब ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि शीर्ष अदालत इस मामले को गंभीरता से लेगी।’’ उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विश्वास जताया कि शिवसेना-भाजपा-राकांपा (अजित पवार गुट) सरकार स्थिर है और आगे भी रहेगी।

वरिष्ठ भाजपा नेता ने जोर देकर कहा कि गठबंधन सरकार ‘वैध’ है और उम्मीद जतायी कि विधानसभा अध्यक्ष के फैसले से उन्हें न्याय मिलेगा। फडणवीस ने नागपुर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘विधानसभा अध्यक्ष उचित और कानूनी निर्णय करेंगे। हमारा पक्ष मजबूत है। हमारी (शिंदे के नेतृत्व वाली भाजपा और शिवसेना की) सरकार कानूनी तौर पर मजबूत है।

हमें विधानसभा अध्यक्ष से न्याय मिलने की उम्मीद है...हमारी सरकार कल भी स्थिर थी और कल भी स्थिर रहेगी।’’ जून 2022 में शिंदे एवं अन्य विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह कर दिया था, जिसके बाद शिवसेना दो फाड़ हो गयी थी और ठाकरे की अगुवाई वाली महा विकास आघाड़ी सरकार का पतन हो गया था, जिसमें कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी मुख्य घटक थे।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में भी विभाजन हो गया और पार्टी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार के नेतृत्व में पार्टी का एक धड़ा महाराष्ट्र की शिंदे-भाजपा गबंधन सरकार में शामिल हो गया था। महाराष्ट्र में विधानसभा का चुनाव अगले साल होना है।

(इनपुट एजेंसी)

 

English summary :
Shiv sena MLA Disqualification Verdict Sena vs Sena Uddhav Thackeray Vs Eknath Shinde What is the case Split in 57 year old Shiv Sena Mahavikas Aghadi government fell know story see video


Web Title: Shiv sena MLA Disqualification Verdict Sena vs Sena Uddhav Thackeray Vs Eknath Shinde What is the case Split in 57 year old Shiv Sena Mahavikas Aghadi government fell know story see video

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे