शिवसेना ने दिया बीजेपी को झटका, कहा- 2019 में अकेले लड़ेंगे लोकसभा और विधानसभा चुनाव
By रामदीप मिश्रा | Published: January 23, 2018 01:03 PM2018-01-23T13:03:52+5:302018-01-23T13:33:39+5:30
चुनाव लड़ने का यह फैसला मंगलवार (23 जनवरी) को हुई शिवसेना की एक अहम बैठक में लिया गया है। अब घोषणा के बाद माना जा रहा है कि अगले लोकसभा चुनाव में दोनों दलो के रास्ते पूरी तरह से अलग हो जाएंगे।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिवसेना के बीच 20 साल की दोस्ती में खटास पड़ते दिखाई दे रही है। दरअसल, शिवसेना ने 2019 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया। यह फैसला मंगलवार (23 जनवरी) को हुई शिवसेना की एक अहम बैठक में लिया गया है।
बता दें कि 2014 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौराना सीटों के बंटवारे को लेकर सामंजस्य नहीं बैठ सका था, जिसके बाद दोनों दल अलग हो गए थे और अलग ही चुनाव लड़ने का फैसला लिया था। इस चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और शिवसेना ने चुनाव के बाद बीजेपी से गठबंधन कर सरकार बनाई थी।
We will fight 2019 Assembly and Lok Sabha elections alone: Sanjay Raut, Shiv Sena pic.twitter.com/tByUPrWfk8
— ANI (@ANI) January 23, 2018
वहीं, अब शिवसेना का कहना है कि उसने बीजेपी से गठबंधन बनाए रखने के लिए हमेशा ही समझौता किया, लेकिन उसने हमें नीचा दिखाने की हर समय कोशिश की। अब शिवसेना गरिमा के साथ आगे बढ़ेगी।
We will fight elections in every state for the cause of Hindutva , I take this vow today: Uddhav Thackeray in Mumbai pic.twitter.com/GpbQVWezUl
— ANI (@ANI) January 23, 2018
इस दौरान शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम हिंदुत्व के चलते से हर राज्य में चुनाव लड़ेंगे। मैं आज यह दावा करता हूं। इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला और कहा कि वे खुद को पंत प्रधान कहते हैं और विदेशों की यात्रा करते हैं।
PM calls himself 'Pant Pradhan',all he does is travel abroad,he took Israeli PM to Ahmedabad,why not to Lal Chowk in Srinagar? Why couldn't he have done a roadshow in Srinagar? Had he hoisted tricolour in Lal chowk,we would have felt sense of pride towards our PM:Uddhav Thackeray pic.twitter.com/EEIW6jcB9i
— ANI (@ANI) January 23, 2018
उन्होंने पीएम पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को अहमदाबाद ले गए, लेकिन श्रीनगर के लाल चौक पर क्यों नहीं लेकर गए और श्रीनगर में रोड शो क्यों नहीं कर सके? अगर उन्होंने लाल चौक पर तिरंगा फहराया होता तो हम अपने प्रधानमंत्री के प्रति गर्व महसूस करते।