शिलांग, 5 जून: मेघालय की राजधानी शिलांग में पिछले चार दिनों से हिंसा बरकार है। शुक्रवार ( 1जून) से शुरू हुई हिंसा के बाद इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई थी। इसके साथ ही इलाके में भी कर्फ्यू लगा दिया गया था। शिलांग में हालात अब भी तनावपूर्ण है। सोमवार 4 बजे से मंगलवार सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू को बढ़ाया दिया गया है। सेना ने मेघालय की राजधानी शिलांग में फिर हिंसा भड़कने के बाद आज फ्लैग मार्च किया। फ्लैग मार्च का कदम कल रात सीआरपीएफ के शिविर पर प्रदर्शनकारियों के हमला करने के बाद उठाया गया था।
लेफ्टिनेंट जनरल डीएस अहुजा के मुताबिक, सेना ने शिलांग के सभी हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में एक शांतिपूर्ण ध्वज मार्च आयोजित किया। यह आसान काम बिल्कुल नहीं था। उन्होंने शिलांग के युवाओं से अपील की है कि वह गुमराह ना हो और ऐसी स्थिति को सामन्य बनाने में सेना की मदद करें।
मेघालयः शिलांग में हिंसा रोकने के लिए केंद्र ने भेजी सेना, कई इलाकों में लगा है कर्फ्यू
शिलांग में सीआरपीएफ की 15 से अधिक कंपनियां (प्रत्येक कंपनी में 100 जवान) तैनात की गई हैं। केंद्र ने शहर में शांति बहाल करने के लिये अर्द्धसैनिक बलों की 10 अतिरिक्त कंपनियां भी आज भेजीं। वहां लगातार चौथे दिन स्थानीय आदिवासियों और पंजाबियों के बीच झड़प के बाद सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा। गृह मंत्रालय ने शिलांग में कानून और व्यवस्था बनाए रखने में मदद करने के लिए पैरा-मिलिट्री की 11 कंपनियों को भेजा है। हालांकि आठ घंटे के लिये कल कर्फ्यू में ढील दिये जाने के बाद कल रात नये सिरे से संघर्ष हुआ। इसके बाद पुलिस को भीड़ को शांत करने के लिये आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा।
अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने कल रात मवलाई में सीआरपीएफ शिविर पर पथराव किया। यह शिविर जयाव लुमसिंथ्यू इलाके के ठीक नीचे है।
सीआरपीएफ के आईजी प्रकाश डी ने पीटीआई - भाषा से कहा कि सीआरपीएफ के तीन जवानों को मामूली चोट आई और शिविर में ही उनका उपचार हुआ। उन्होंने कहा , 'फिलहाल उनकी जान को खतरा नहीं है और शिविर में संपत्ति को क्षति पहुंचने की कोई सूचना नहीं है।'' अधिकारियों ने बताया कि कर्फ्यू आज शाम चार बजे फिर से लगाया गया और अगले आदेश तक यह जारी रहेगा।
(भाषा इनपुट)
लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर सब्सक्राइब करें