‘शेरशाह’ युद्ध नायक की बहादुरी की ही नहीं बल्कि एक अमर प्रेमकथा है : संदीप श्रीवास्तव

By भाषा | Updated: August 26, 2021 16:13 IST2021-08-26T16:13:35+5:302021-08-26T16:13:35+5:30

'Sher Shah' is not only about the bravery of a war hero but an immortal love story: Sandeep Srivastava | ‘शेरशाह’ युद्ध नायक की बहादुरी की ही नहीं बल्कि एक अमर प्रेमकथा है : संदीप श्रीवास्तव

‘शेरशाह’ युद्ध नायक की बहादुरी की ही नहीं बल्कि एक अमर प्रेमकथा है : संदीप श्रीवास्तव

जब पटकथा लेखक संदीप श्रीवास्तव ने बायोपिक ‘‘शेरशाह’’ के लिए दिवंगत कैप्टन विक्रम बत्रा की जिंदगी के पन्ने खोलना शुरू किए तो उन्हें यह अहसास हुआ कि फिल्म करगिल युद्ध के शहीद की बहादुरी तक ही सीमित नहीं हो सकती बल्कि इसमें एक अमर प्रेमकथा भी शामिल है। भारतीय सेना का एक साहसी अधिकारी होने के साथ ही कैप्टन बत्रा हिमाचल प्रदेश के छोटे से पर्वतीय शहर पालमपुर का एक ऐसा शख्स था जो डिंपल चीमा के इश्क में पड़ा जो उनके साथ चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय में एमए अंग्रेजी में पढ़ती थीं।‘‘अब तक छप्पन’’, ‘‘काबुल एक्सप्रेस’’ और ‘‘न्यूयॉर्क’’ तथा डिज्नी प्लस हॉटस्टार की सीरीज ‘‘आर्या’’ की कहानी लिख चुके श्रीवास्तव ने कहा कि वह चीमा की कहानी को थोड़ा और जानना चाहते थे जो कैप्टन बत्रा की जिंदगी में काफी अहम रही।अमेजन प्राइम वीडियो पर 12 अगस्त को रिलीज हुई ‘‘शेरशाह’’ की कैप्टन बत्रा की जिंदगी को संवेदनशील तरीके से दिखाने के लिए काफी तारीफ मिल रही हैं। कैप्टन बत्रा 1999 के करगिल युद्ध के दौरान अपनी अंतिम सांस तक लड़े थे।श्रीवास्तव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि ‘‘शेरशाह’’ ने उन्हें कैप्टन बत्रा की जिंदगी को फिल्मी पर्दे पर दिखाने का मौका दिया और यह फिल्म वर्दी पहने एक शख्स की उपलब्धियों से कहीं आगे की है।लेखक ने कहा, ‘‘मुझे यह अहसास हुआ कि यह महज एक युद्ध नायक की कहानी नहीं है बल्कि इसमें एक छोटे से शहर के लड़के की काफी संवेदनशील कहानी और उसकी जिंदगी में हुई घटनाओं की कहानी है। मैं जिस भी व्यक्ति से मिला उसने उनके, जोश के बारे में अच्छी बातें ही कही। फिर एक प्रेम कहानी सामने आयी। मुझे लगा कि मेरे पास न केवल उनकी बहादुरी बल्कि उनकी असाधारण प्रेम कहानी को दिखाने का मौका है जो विरले ही देखने को मिलती है।’’श्रीवास्तव ने 2017 में इस फिल्म पर काम करना शुरू किया लेकिन आधिकारिक रूप से इसकी शुरुआत 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस पर हुई जब वह लद्दाख के करगिल जिले के द्रास सेक्टर में फिल्म निर्माता शब्बीर बॉक्सवाला और कैप्टन बत्रा के जुड़वां भाई विशाल बत्रा के साथ गए।श्रीवास्तव ने विशाल बत्रा से अनुरोध किया कि वह चीमा से बात करना चाहते हैं जो पेशे से एक शिक्षिका हैं। बहुत ही ज्यादा निजता पसंद चीमा ने लेखक से मिलने से इनकार कर दिया लेकिन फोन पर बात करने को तैयार हो गयी। जब फोन पर उनकी बातचीत एक घंटे तक चली तो वह आखिरकार श्रीवास्तव से मिलने को तैयार हो गयी। कैप्टन बत्रा के शहीद होने के बाद चीमा ने शादी न करने का फैसला किया था ।उन्होंने चीमा के कहे शब्दों को याद करते हुए कहा, ‘‘उन्होंने मुझे बताया कि ‘लोग मुझे कहते हैं कि यह बहुत बड़ा त्याग है जो मैंने किया। लेकिन सच कहूं तो मैं इसे त्याग नहीं मानती। यह मेरी पसंद है। विक्रम मेरे लिए सब कुछ था। इसमें कोई त्याग नहीं है।’’उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता था कि विक्रम की कहानी तब तक पूरी नहीं होगी जब तक कि डिम्पल के साथ बिताए उनके पलों को न दिखाया जाए। आप सिर्फ युद्ध पर ध्यान लगा सकते थे लेकिन इससे सैनिक की संवेदनशील कहानी नहीं दिख पाती। वह अपने देश और उस लड़की से प्यार करते थे जिसे वह छोड़कर चले गए। मैं समझ गया था कि उनका प्यार बिना किसी शर्त के था। वह उनकी ताकत थीं।’’विष्णु वर्धन के निर्देशन में बनी फिल्म ‘‘शेरशाह’’ का प्रोडक्शन करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शंस और काश एंटरटेनमेंट ने किया है। इस फिल्म में कैप्टन बत्रा का किरदार सिद्धार्थ मल्होत्रा और चीमा की भूमिका कियारा आडवाणी ने निभायी है।

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Web Title: 'Sher Shah' is not only about the bravery of a war hero but an immortal love story: Sandeep Srivastava

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