शरद पवार गुट ने निर्वाचन आयोग के फैसले पर कहा- लोकतंत्र की हत्या, निर्णय दबाव में लिया गया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 6, 2024 09:56 PM2024-02-06T21:56:43+5:302024-02-06T21:59:03+5:30

सुप्रिया सुले ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता शरद पवार के साथ हैं और पवार फिर से पार्टी का निर्माण करेंगे। शरद पवार गुट के एक और नेता जयंत पाटिल ने कहा कि पार्टी उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी।

Sharad Pawar faction said on Election Commission's decision - murder of democracy, decision was taken under pressure | शरद पवार गुट ने निर्वाचन आयोग के फैसले पर कहा- लोकतंत्र की हत्या, निर्णय दबाव में लिया गया

शरद पवार गुट ने निर्वाचन आयोग के फैसले पर कहा- लोकतंत्र की हत्या, निर्णय दबाव में लिया गया

Highlightsशरद पवार गुट ने अजित पवार गुट को असली राकांपा घोषित करने के ईसी के फैसले को लोकतंत्र की हत्या करार दिया देशमुख ने एक टेलीविजन चैनल से कहा कि निर्वाचन आयोग ने यह फैसला ऊपर से दबाव के तहत दियावहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने चुनाव आयोग द्वारा दिए गए फैसले का स्वागत किया

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के शरद पवार गुट ने अजित पवार गुट को असली राकांपा घोषित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को ‘‘लोकतंत्र की हत्या’’ करार दिया और दावा किया यह दबाव में लिया गया है। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने फैसले का स्वागत किया। निर्वाचन आयोग ने अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को राकांपा का चुनाव चिह्न 'दीवार घड़ी' भी आवंटित किया। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने कहा, ‘‘यह लोकतंत्र की हत्या है। जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है।’’ देशमुख ने एक टेलीविजन चैनल से कहा कि निर्वाचन आयोग ने यह फैसला "ऊपर से दबाव" के तहत दिया। 

वहीं, सुप्रिया सुले ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता शरद पवार के साथ हैं और पवार फिर से पार्टी का निर्माण करेंगे। शरद पवार गुट के एक और नेता जयंत पाटिल ने कहा कि पार्टी उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी। उधर, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि वह उनके गुट को असली राकांपा घोषित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को ''विनम्रता के साथ स्वीकार करते हैं।'' पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि निर्वाचन आयोग के फैसले से साबित होता है कि पार्टी के अधिकांश कार्यकर्ता और निर्वाचित प्रतिनिधि अजित पवार के साथ हैं। 

निर्वाचन आयोग के मंगलवार के फैसले से अजित पवार और पार्टी के संस्थापक एवं उनके चाचा शरद पवार के बीच कई महीनों से जारी लड़ाई खत्म हो गई। देशमुख ने कहा कि इसी तरह का निर्णय शिवसेना के मामले में भी लिया गया था। वह 2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह करने के बाद निर्वाचन आयोग द्वारा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने का जिक्र कर रहे थे। देशमुख ने कहा, "हर कोई जानता है कि शरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की स्थापना की थी और वह स्थापना के समय से ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं।" 

राकांपा नेता ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में उच्चतम न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणी का जिक्र किया। उन्होंने कहा, "उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह चंडीगढ़ मेयर चुनाव के संबंध में लोकतंत्र की हत्या की अनुमति नहीं दे सकता। इसके बावजूद निर्वाचन आयोग ने आज पार्टी के नाम और उसका चिह्न के संबंध में इसी तरह का निर्णय दिया। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।" आयोग ने कहा कि निर्णय में ऐसी याचिका की पोषणीयता के निर्धारित पहलुओं का पालन किया गया, जिसमें पार्टी संविधान के उद्देश्यों का परीक्षण, पार्टी संविधान का परीक्षण और संगठनात्मक तथा विधायी दोनों में बहुमत के परीक्षण शामिल थे। 

आयोग ने आगामी राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर विशेष छूट देते हुए शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट को अपने राजनीतिक दल के लिए एक नाम का दावा करने और तीन प्राथमिकताएं प्रदान करने के लिए बुधवार दोपहर तक का समय दिया। अजित पवार पिछले साल जुलाई में राकांपा के अधिकांश विधायकों के साथ महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली भाजपा-शिवसेना सरकार का समर्थन किया था। 

खबर- पीटीआई भाषा

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