जयपुर, 25 दिसंबर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हरिद्वार के एक कार्यक्रम में दिए गए कथित भड़काऊ भाषण के मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं होने को शर्मनाक बताया है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय को इसपर संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए।
गहलोत ने ट्वीट किया, ‘‘उत्तराखंड के हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर को आयोजित हुए एक कार्यक्रम में भड़काऊ एवं हिंसा के लिए उकसाने वाले भाषणों के वीडियो वायरल होने के बावजूद अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं होना शर्मनाक है। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री एवं उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर चुप्पी साधे बैठे हैं।’’
गहलोत के अनुसार, ‘‘हमारे देश में कुछ उपद्रवी तत्व एक समुदाय के लोगों की हत्या करने की बात कहें पर उनके ऊपर कोई कार्रवाई ना हो, इससे लगता है कि भाजपा शासित राज्यों में जंगलराज की स्थिति बन गई है। दुनिया में जहां भी नरसंहार हुए वहां पहले ऐसे ही भड़काऊ भाषण हुए जिन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।’’
उन्होंने सवाल किए हैं कि हमारे सभी नागरिकों को भी तय करना होगा कि क्या ऐसे हिंसक एवं हत्या के लिए उकसाने वाले लोग किसी धर्म के प्रतिनिधि हो सकते हैं? क्या इन उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई करने लेने से बचने वाली सरकारों को शासन में रहने का कोई हक बचता है? ये देश को किस स्थिति में ले जाना चाहते हैं?
मुख्यमंत्री के अनुसार, ‘‘उच्चतम न्यायालय को इसका संज्ञान लेकर इन उपद्रवियों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
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