हरियाणा में कुमारी शैलजा होंगी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और हुड्डा चुनाव प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष
By शीलेष शर्मा | Published: September 5, 2019 09:11 AM2019-09-05T09:11:57+5:302019-09-05T09:26:59+5:30
गौरतलब है कि कि अशोक तंवर को हटाने के लिए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा लगातार कोशिश कर रहे थे. उन्होंने इस सिलिसले में पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से राज्य के प्रभारी गुलाम नबी आजाद की मौजूदगी में लंबी मुलाकात की थी.
हरियाणा में कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व को लेकर लंबे समय से चल आ रहे आतंरिक संघर्ष पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपना निर्णय सुनाकर विराम लगा दिया.
पार्टी अध्यक्ष द्वारा लिए गए फैसले के अनुसार पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा प्रदेश कांग्रेस की नई अध्यक्ष होगीं. शैलजा के प्रदेश अध्यक्ष बन जाने से अशोक तंवर की छुट्टी हो गई है.
गौरतलब है कि कि अशोक तंवर को हटाने के लिए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा लगातार कोशिश कर रहे थे. उन्होंने इस सिलिसले में पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से राज्य के प्रभारी गुलाम नबी आजाद की मौजूदगी में लंबी मुलाकात की थी.
हुड्डा के बगावती तेवरों को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अशोक तंवर हो हटाने का फैसला लेना पड़ा. दरअसल भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक में रैली कर अपने बगावती तेवरों के साथ जहां अपनी ताकत का प्रदर्शन किया वहीं कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को यह संकेत भी दे दिए थे कि यदि अशोक तंवर को नहीं हटाया गया तो वे पार्टी से बगावत कर अलग हो जाएंगे.
चूंकि हरियाणा में अगल कुछ महीनों में विधानसभा के चुनाव होने है इसलिए हुड्डा कांग्रेस नेतृत्व के लिए जरूरी होते जा रहे थे. उनके बगावती तेवरों को शांत करने के लिए सोनिया गांधी ने ना केवल तंवर को हटाया बल्कि हुड्डा को चुनाव प्रबंध समिति का अध्यक्ष और विधानमंडल दल का नेता बनाने की भी घोषणा कर दी.
दलितों और जाटों को साधने का काम
शैलजा को अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने जहां दलितों में संदेश देने की कोशिश की है वहीं हुड्डा के नाम पर जाट मतदाताओं को थामने की कोशिश होगी. ताकि भाजपा की वर्तमान सरकार से चुनाव में सीधा मुकाबला किया जा सके. भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाकर पंजाबी और हिंदू मतदाताओं को वोट बैंक तैयार किया जिसके सहारे वह चुनाव में उतरेगी. हरियाणा जाट बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण हुड्डा भाजपा को कड़ी चुनौती दे सकेगें.