नई दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोसध कानून (सीएए), एनआरसी और एनपीआर को लेकर पिछले 101 दिनों से महिलाएं धरने पर बैठी थीं, जिनकों दिल्ली पुलिस ने सोमवार देर रात धरनास्थल से हटा दिया है और जगह खाली करवाई है। दरअसल, कोराना वायरस के चलते पुलिस चार से पांच लोगों से ज्यादा एक जगह खड़ा नहीं रहने दे रही है।
पुलिस ने कहा कि महिलाओं सहित कई लोगों को रात भर हिरासत में रखा गया। प्रदर्शनकारी बार-बार मनाने के बावजूद धरनास्थल को साफ नहीं कर रहे थे, जिसके बाद कार्रवाई की गई है। बता दें, सीएए के विरोध में महिलाओं ने दिसंबर के मध्य से ही दक्षिणपूर्वी दिल्ली से नोएडा को जोड़ने वाली सड़क का एक साइड अवरूद्ध कर रखा था। डीसीपी साउथ ईस्ट का कहना है कि शाहीन बाग में धरना स्थल पर लोगों से अनुरोध किया गया था कि जगह को खाली किया जाए क्योंकि लॉकडाउन किया गया है। लेकिन प्रदर्शनकारी अपनी बात पर अड़े रहे, जिसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। एक जगह लोगों का इकट्ठा होना गैर-कानूनी था। धरनास्थल को साफ कर दिया गया है। कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है।
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल की सरकार ने सोमवार (23 मार्च) से राजधानी को लॉकडाउन कर दिया है। यहां स्थानीय स्तर पर कोरोना वायरस के संक्रमण के छह मामले सामने आने के बाद कड़े कदम उठाए गए हैं।
रविवार को धरनास्थल के पास एक अज्ञात व्यक्ति ने पेट्रोल बम फेंक दिया। पुलिस ने यह जानकारी दी थी। पुलिस ने बताया था कि घटना सुबह करीब 9.30 बजे सुबह हुई थी। पुलिस को घटनास्थल पर पेट्रोल से भरी करीब पांच-छह बोतलें मिली थीं।
CAA के खिलाफ महिलाओं की अगुवाई वाले शाहीन बाग के धरने को 101 दिन हो गए थे। धरने में महिलाएं और बच्चे शामिल थे। यहां संशोधित नागरिकता कानून, राष्ट्रीय नागरिक पंजी और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के खिलाफ 15 दिसंबर से धरना जारी था।