सीरम इंस्टीट्यूट ने पीएमओ को पत्र लिखकर औषधि नियामक व्यवस्था में सुधार का प्रस्ताव दिया

By भाषा | Published: March 4, 2021 09:35 PM2021-03-04T21:35:40+5:302021-03-04T21:35:40+5:30

Serum Institute wrote to PMO proposing reforms in drug regulatory system | सीरम इंस्टीट्यूट ने पीएमओ को पत्र लिखकर औषधि नियामक व्यवस्था में सुधार का प्रस्ताव दिया

सीरम इंस्टीट्यूट ने पीएमओ को पत्र लिखकर औषधि नियामक व्यवस्था में सुधार का प्रस्ताव दिया

नयी दिल्ली, चार मार्च दुनिया में सर्वाधिक संख्या में टीका बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर वर्तमान औषधि नियामक व्यवस्था में सुधार का प्रस्ताव दिया है। इसमें क्लीनिकल परीक्षण के दौरान गैर कोविड टीके के निर्माण एवं भंडारण की अनुमति देना भी शामिल है।

पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) में सरकार एवं नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने पत्र लिखकर स्वास्थ्य मंत्रालय के 18 मई 2020 के गजट अधिसूचना का हवाला देते हुए कहा कि इसमें क्लीनिकल परीक्षण के तहत कोविड-19 के टीके के निर्माण और भंडारण की अनुमति दी गई है ताकि उनकी बिक्री एवं वितरण किया जा सके।

उन्होंने दो मार्च को लिखे पत्र में कहा, ‘‘इस नियम के कारण यह हमारे लिए संभव हो गया कि क्लीनिकल परीक्षण के दौरान कोविड-19 टीके का निर्माण एवं भंडारण कर सकें और इसी कारण हम लाखों लोगों की जिंदगी बचाने के लिए इतने कम समय में हम टीका उपलब्ध करा पाए।’’

एसआईआई ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ की करीब पांच करोड़ खुराक 2020 के अंत तक तैयार कर ली थी, जबकि वह देश में टीके के आपातकालीन इस्तेमाल के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) की अनुमति का इंतजार कर रहा था।

उसे इस वर्ष जनवरी में टीके के इस्तेमाल की अनुमति मिली।

सिंह ने कहा, ‘‘कोविड-19 टीके के प्रावधान के सफल परिणाम को देखते हुए इसे गैर कोविड-टीके पर भी लागू किया जाना चाहिए।’’

पीएमओ को लिखे पत्र में उन्होंने कोविड और गैर कोविड टीकों की बची हुई खुराक को व्यावसायिक उद्देश्य से इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी, जिनका इस्तेमाल क्लीनिकल परीक्षण में किया गया है।

इस सिलसिले में उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने 12 अप्रैल 2018 को मसौदा नियम जारी कर क्लीनिकल परीक्षण में इस्तेमाल टीकों में बची हुई खुराक का व्यावसायिक इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी।

सिंह ने कहा, ‘‘बहरहाल, इस मसौदा नियम को अभी तक लागू नहीं किया गया है। जीवन रक्षक टीकों को बर्बाद होने से बचाने के लिए मसौदा नियम को जल्द लागू किया जाना चाहिए।

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Web Title: Serum Institute wrote to PMO proposing reforms in drug regulatory system

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