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दुखद: कोरोना ने छीन ली एक और जिंदगी, लोकमत के वरिष्ठ पत्रकार संजीव कुमार गुप्ता का निधन

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: May 04, 2021 7:19 PM

संजीव कुमार गुप्ता की मृत्यु पर पीआईबी मान्यता प्राप्त पत्रकारों की संस्था प्रेस एसोसिएशन के अलावा प्रेस क्लब ऑफ इंडिया,  मैथिल पत्रकार ग्रुप , दिल्ली जर्नलिस्ट एसोसिएशन, एनयूजे , दिल्ली सरकार प्रेस एक्रीडिटेशन कमेटी सहित कई संस्थाओं ने शोक जाहिर किया है। 

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ठळक मुद्देसंजीव कुमार गुप्ता ने दिल्ली के अंबेडकर कॉलेज से पत्रकारिता में स्नातक किया था।संजीव कुमार गुप्ता ने अपनी पत्रकारिता की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो से पार्ट टाइम एनाउंसर के रूप में की थी।वह लोकमत के लिए राज्यसभा की कवरेज करते थे।

लोकमत दिल्ली के राष्ट्रीय ब्यूरो में बतौर वरिष्ठ संवाददाता के रूप में कार्यरत संजीव कुमार गुप्ता की दिल्ली स्थित आइटीबीपी कोविड अस्पताल में मृत्यु हो गई। वह पिछले 5 दिन से यहां पर भर्ती थे। यह कहा जा रहा है कि उन्हें समय पर आईसीयू बेड नहीं मिलने की वजह से पूर्ण उपचार नहीं मिल पाया। आइटीबीपी कोविड अस्पताल में केवल ऑक्सीजन की व्यवस्था है। 

यहां पर आईसीयू बेड नहीं है। जिससे मरीजों की तबीयत खराब होने पर उन्हें पूरा उपचार नहीं मिल पाता है। इससे मरीजों की यहां लगातार मौत भी हो रही है। उनकी मृत्यु की खबर से लोकमत परिवार के साथ ही दिल्ली के समस्त संवाददाताओं और विभिन्न मीडिया संस्थानों में कार्यरत उनके साथियों के बीच शोक की लहर दौड़ गई। कोई भी इस समाचार पर विश्वास नहीं कर पा रहा था कि सभी की सहायता करने वाले संजीव कुमार गुप्ता को कोरोना ने उनसे छीन लिया है। 

दिल्ली विश्वविद्यालय, इग्नू , जेएनयू , जामिया , ऐम्स, सफदरजंग अस्पताल की विभिन्न संस्थाओं ने भी उनकी मृत्यु पर शोक जाहिर किया है। उनके परिवार में पत्नी, दो बेटियां और उनके बुजुर्ग माता-पिता है। उनकी बेटियां कक्षा प्रथम में पढ़ती हैं। उनका 39 वर्ष की आयु में ही इस दुनिया से विदा हो जाना उनके सभी साथियों, प्रशंसकों और जानकारों के बीच एक शोक की लहर उत्पन्न कर गया है।

संजीव कुमार गुप्ता स्कूल के समय से ही काफी मेधावी थे। उन्हें कई बार जिला और राज्य स्तर पर प्रतियोगिताओं में अव्वल स्थान भी हासिल हुआ था। उन्होंने अपनी पत्रकारिता की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो से पार्ट टाइम एनाउंसर के रूप में की थी। लेकिन उन्हें पहचान दैनिक जागरण के संवादाता के रूप में हासिल हुई। उन्होंने दैनिक जागरण के पूर्वी दिल्ली स्थित कार्यालय में जब काम शुरू किया तो कुछ ही दिनों में अपनी मेहनत और लेखनी के दम पर वह पूर्वी दिल्ली के पाठकों के बीच एक जाना पहचाना नाम बन गए। 

उन्होंने यहां पर कई ब्रेकिंग स्टोरी की। इनमें वह एक स्टोरी भी शामिल थी। जिसके माध्यम से उन्होंने यह बताया था कि कैसे नौकरी दिलाने के नाम पर आवेदन करने वाली लड़कियों के साथ जबरदस्ती की जाती है। इसके लिए वह लगातार कई रात तक उस संबंधित क्षेत्र अपनी जान की परवाह किए बगैर  रहे। जहां पर इस तरह नौकरी के नाम पर लड़कियों के साथ ज्यादती की जा रही थी। 

इसके अलावा वह दिल्ली के एजुकेशन क्षेत्र की रिपोर्टिंग में भी एक प्रतिष्ठित नाम थे। सीबीएससी से लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय तक में उनकी रिपोर्टिंग का सभी लोहा मानते थे। उन्हें दिल्ली की एजुकेशन रिपोर्टिंग का इनसाइक्लोपीडिया भी कहा जाता था। अन्य से अलग और विशेष समाचार करने की उनकी क्षमता ने उन्हें अपने सहयोगियों और अन्य बीट रिपोर्टर्स के बीच अलग पहचान दिलाई थी। 

पूर्वी दिल्ली में उनके कार्य को देखते हुए उन्हें प्रमोशन देकर दैनिक जागरण के नई दिल्ली कार्यालय में स्थानांतरित किया गया। यहां पर भी वह एक एजुकेशन रिपोर्टर के तौर पर ही लाए गए थे। जिस विश्वास के साथ उन्हें यह दायित्व दिया गया था। उसका निर्वहन उन्होंने बड़ी ही जिम्मेदारी से निभाया। उन्होंने दैनिक जागरण के अपने कार्यकाल में दिल्ली विश्वविद्यालय कि कई खबरों को अन्य समाचार पत्रों के लिए एजेंडा बना दिया। उनकी खबरों के आधार पर अन्य समाचार पत्रों में एजुकेशन क्षेत्र को कवर करने की दिशा तय होने लगी। 

दैनिक जागरण के उपरांत उन्होंने दिल्ली में ही दैनिक भास्कर समाचार पत्र में बतौर शिक्षा संवाददाता कार्य किया। यहां पर भी कुछ ही समय में वह सभी के चहेते रिपोर्टर के रूप में स्थापित हो गए। उनकी यह खासियत थी कि वह किसी भी कार्य के लिए कभी इंकार नहीं करते थे। उन्हें कितनी भी जटिल स्टोरी का जिम्मा दिया जाए। उन्होंने उसे मुस्कुराते हुए पूरा किया। वह एक हंसमुख और मिलनसार व्यक्तित्व के स्वामी थे। उनके चेहरे पर हमेशा एक मुस्कान बनी रहती थी। उनके संपर्क में जो भी आता था। वह उनका कायल हो जाता था। वह अन्य संवाददाताओं और आम लोगों की मदद के लिए भी हर समय तत्पर रहते थे। 

दैनिक भास्कर में कार्य करने के दौरान ही उन पर लोकमत समूह के चेयरमैन श्री विजय दर्डा की नजर पड़ी। इसके बाद वह दैनिक भास्कर से लोकमत में आ गए। यहां पर भी वह शिक्षा संवाददाता के रूप में कार्यरत थे। इसके अलावा वह कृषि और स्वास्थ्य क्षेत्र की रिपोर्टिंग भी कर रहे थे। कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान उन्होंने देश में टीका जल्द आने संबंधी खबर सबसे पहले प्रकाशित की थी। 

इसके अलावा उन्होंने आईसीएमआर और एम्स के निदेशक का भी सबसे पहले साक्षात्कार किया था। जिस दिन उन्हें यह पता चला कि वह कोरोना से पीड़ित हैं। उस दिन भी उन्होंने अपने कार्य को अंजाम देते हुए कोरोना महामारी पर समाचार प्रेषित किए। उन्होंने दिल्ली नगर निगम, एनडीएमसी, दिल्ली विधानसभा,  कांग्रेस, भाजपा, आम आदमी पार्टी , दिल्ली सरकार के साथ ही संसद की कवरेज भी की। 

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