Kulgam Encounter: सुरक्षाबलों ने हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़े दो आतंकवादियों को मार गिराया, हथियार बरामद
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: October 4, 2023 09:05 PM2023-10-04T21:05:29+5:302023-10-04T21:06:34+5:30
सुरक्षाबलों ने कुलगाम में हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़े दो आतंकवादियों को मार गिराया। उनकी पहचान फ्रिसल के बासित अमीन भट और हावूरा, कुलगाम के साकिब अहमद लोन के रूप में की गई है।
कुलगाम: जम्मू-कश्मीर में कुलगाम पुलिस ने सुरक्षा बलों के साथ मिलकर दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़े दो आतंकवादियों को मार गिराया। उनकी पहचान फ्रिसल के बासित अमीन भट और हावूरा, कुलगाम के साकिब अहमद लोन के रूप में की गई है।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार मारे गए दोनों आतंकवादी कई आतंकी अपराध मामलों में शामिल थे। मुठभेड़ स्थल से 2 एके सीरीज राइफलों सहित आपत्तिजनक सामग्री, हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया। सभी बरामद सामग्रियों को आगे की जांच के लिए केस रिकॉर्ड में ले लिया गया है। इलाके में घेराबंदी एवं तलाशी अभियान जारी रहेगा। कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।
Kulgam Encounter | Kulgam Police alongwith security forces neutralized two terrorists linked with proscribed terror outfit HM in South Kashmir’s Kulgam. They have been identified as Basit Amin Bhat of Frisal & Saqib Ahmad Lone of Hawoora, Kulgam. As per police records both the…
— ANI (@ANI) October 4, 2023
बता दें कि हाल के कुछ महीनों में कश्मीर में आतंकी घटनाओं में तेजी देखी गई है। सर्दियों की शुरुआत से पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है। सर्दियों की शुरुआत से पहले घुसपैठ चरम पर होती है लेकिन इस साल आतंकी घटनाएं काफी पहले ही शुरू हो गईं। बढ़ती घटनाओं ने सुरक्षा बलों को अपनी आतंकवाद विरोधी रणनीति का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए मजबूर किया है। आतंकी घटनाओं के कारण राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) इकाइयों को जम्मू-कश्मीर से हटाकर दूसरी जगह भेजने की योजना पर भी अब विराम लगता दिख रहा है।
जम्मू-कश्मीर से राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) की कुछ इकाइयों को घाटी से हटाकर पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ले जाने की योजना थी। कुछ बटालियन एलएसी पर भेजी भी जा चुकी हैं। लेकिन हालिया आतंकी घटनाओं के बाद सेना अपनी रणनीति का फिर से पुनर्मूल्यांकन कर रही है।
सेना के अनुसार इस बार सबसे बड़ा खतरा सीमा पार से आने वाले आतंकी ही हैं। कश्मीर में इस साल अभी तक 40 से ज्यादा विदेशी आतंकियों को ढेर किया जा चुका है। लेकिन माना जा रहा है कि अब भी 150 से ज्यादा आतंकी सीमा पार करने के लिए तैयार हैं। ऐसे में सेना कोई लापरावाही करना नहीं चाहती।
एलओसी के पार लॉन्चपैड्स में 200 से अधिक आतंकवादियों की अनुमानित मौजूदगी की सूचना भी मिली है जिसे लेकर सेना सतर्क और गंभीर है। हालांकि घाटी में मौजूद आतंकवादियों की संख्या कम हो गई है लेकिन पीर पंजाल रेंज के दक्षिण में पुंछ, राजौरी और रियासी जैसे क्षेत्रों में आतंकवादियों की कुल संख्या में वृद्धि होने की संभावना है।