भारत बायोटेक की कोवाक्सिन के 2 से 18 साल के बच्चों पर दूसरे/तीसरे चरण के ट्रायल की SEC ने की सिफारिश

By विनीत कुमार | Published: May 12, 2021 09:17 AM2021-05-12T09:17:08+5:302021-05-12T14:16:44+5:30

कोरोना के खिलाफ जंग में भारत को जल्द ही अच्छी खबर मिल सकती है। दरअसल, भारत बायोटेक की कोवाक्सिन को बच्चों पर दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी मिल गई है।

SEC nod to Bharat Biotech Covaxin for phase 2 and 3 clinical trials on 2 to 18 year old | भारत बायोटेक की कोवाक्सिन के 2 से 18 साल के बच्चों पर दूसरे/तीसरे चरण के ट्रायल की SEC ने की सिफारिश

भारत बायोटेक की कोवाक्सिन के बच्चों पर जल्द शुरू हो सकते हैं ट्रायल (फाइल फोटो)

Highlights'कोवाक्सिन' के 2 से 18 साल तक के उम्र के बच्चों पर जल्द शुरू हो सकते हैं ट्रायल सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने मंगलवार को भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन के बच्चों पर ट्रायल करने की सिफारिश कीबच्चों पर ये ट्रायल दिल्ली और पटना के एम्स सहित नागपुर और अन्य जगहों पर किए जा सकेत हैं

भारत बायोटेक के कोविड-19 वैक्सीन 'कोवाक्सिन' के 2 से 18 साल तक के उम्र के बच्चों पर दूसरे/तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की सिफारिश की गई है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार एक एक्सपर्ट कमिटी ने इस बारे में अनुशंसा मंगलवार को की। सूत्रों के अनुसार ये ट्रायल पहले 525 बच्चों पर अलग-अलग जगहों पर किया जाएगा।

बच्चों पर ये ट्रायल दिल्ली और पटना के एम्स सहित नागपुर स्थित मेडिट्रिना मेडिकल साइंस इंस्टीट्यूट समेत कई अन्य जगहों पर किया जाएगा। 

मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी (SEC) ने मंगलवार को उस आवेदन पर विचार किया जिसमें हैदराबाद के भारत बायोटेक की ओर से बच्चों पर वैक्सीन के परीक्षण के दूसरे/ तीसरे चरण की अनुमति देने की बात की गई थी।

एक सूत्र ने बताया, विस्तृत चर्चा के बाद कमिटी ने दूसरे/तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की सिफारिश कर दी। इससे पहले SEC की 24 फरवरी को हुई बैठक में भी प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया गया था और फर्म को संशोधित ​​परीक्षण प्रोटोकॉल फिर से रखने को कहा गया था। 

गौरतलब है कि वर्तमान में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के सहयोग से भारत बायोटेक द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किए गए कोवैक्सीन का उपयोग भारत के चल रहे COVID-19 टीकाकरण के लिए किया जा रहा है। हालांकि इसे 18 से ज्यादा के उम्र के लोगों को ही अभी दिया जा सकता है।

कोरोना के तीसरे लहर से जंग की तैयारी

भारत अभी कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। आंकड़े बताते हैं इस बार कोरोना की जद में सबसे ज्यादा युवा आ रहे हैं। वहीं तीसरे लहर की भी बात की जा रही है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना के तीसरे लहर में बच्चों पर ज्यादा असर देखने को मिलेगा। ऐसे में इसके खिलाफ अभी से रणनीति बनाए की बात भी की जा रही है।

इससे पहले मंगलवार को ही अमेरिका में 12 से 15 साल तक की उम्र के बच्चों को ‘फाइजर’ का कोविड-19 रोधी टीका लगाने का फैसला किया गया। दुनिया में कोविड-19 रोधी ज्यादातर टीके अभी व्यस्कों को लगाने की ही अनुमति दी गई है। हालांकि ‘फाइजर’ का टीका कई देशों में 16 साल के किशोरों को भी लगाया जा रहा है। 

हाल ही में कनाडा ने भी 12 साल और अधिक आयु के बच्चों को टीका लगाना शुरू किया था, ऐसा करने वाला वह पहला देश था। वहीं, अमेरिका में खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने 12 से 15 वर्ष के दो हजार से अधिक बच्चों पर परीक्षण करने के बाद टीके के किशोरों के लिए सुरक्षित होने की घोषणा की थी। 

Web Title: SEC nod to Bharat Biotech Covaxin for phase 2 and 3 clinical trials on 2 to 18 year old

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