बिहार में सीटों का बंटवारा 'इंडिया गठबंधन' में बन रहा है रोड़ा, जदयू ने कांग्रेस और राजद को फिर दी चेतावनी
By एस पी सिन्हा | Published: January 12, 2024 05:48 PM2024-01-12T17:48:08+5:302024-01-12T17:49:23+5:30
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं होने की बात कह रहे हैं। इस बीच जदयू ने एक बार फिर राजद और कांग्रेस समेत गठबंधन में शामिल पार्टियों को चेतावनी दी है।
पटना: बिहार में इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर घमासान बढ़ता जा रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं होने की बात कह रहे हैं। इस बीच जदयू ने एक बार फिर राजद और कांग्रेस समेत गठबंधन में शामिल पार्टियों को चेतावनी दी है। जदयू ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में जीत तो सिर्फ नीतीश कुमार ही दिला सकते हैं, इस बात को मत भूलिये। जदयू नेता एवं भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने खास तौर पर कांग्रेस को कहा है कि बिहार में ज्यादा सीटों पर लड़ने का ख्वाब देखना छोड़ दें।
उन्होंने कहा कि जदयू कम से कम 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पिछले लोकसभा चुनाव में भी जदयू ने 17 सीटों पर चुनाव लड़ कर 16 पर जीत हासिल की थी। इसलिए इस बार भी हमें 17 सीट चाहिये। जब सीटों पर तालमेल के लिए राजद के साथ बैठेंगे तो अपनी बात बता देंगे। अशोक चौधरी ने कहा कि महागठबंधन में शामिल छोटी पार्टियां बढ़ चढ़ कर दावे कर रही है। कांग्रेस को 11 सीट चाहिये। माले को 5 सीट चाहिये। सीपीआई और सीपीएम ने 3-3 सीटों पर दावेदारी कर दी है। इन्हीं सीटों को जोड़ दें ये संख्या 22 हो जाती है। यानि बाकी बचे 18 सीटों पर जदयू और राजद चुनाव लड़ेगी। ऐसा नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि बिहार में भाजपा को हराने की ताकत नीतीश कुमार में है। ये साबित हो चुका है कि नीतीश कुमार जिसके साथ भी चुनाव लड़े, वो चुनाव जीता। 2015 में नीतीश कुमार राजद के साथ थे तो महागठबंधन जीत गया था। 2019 और 2020 में नीतीश कुमार भाजपा के साथ थे तो एनडीए की जीत हो गई थी। अब 2024 में नीतीश जी इंडिया गठबंधन के साथ रहेंगे तो उसकी ही जीत होगी और भाजपा हारेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे में कांग्रेस को त्याग करना चाहिये। अगर भाजपा हारती है फायदा कांग्रेस को होगा। कांग्रेस ही पूरे देश में भाजपा से लड़ रही है। भाजपा की हार का सबसे ज्यादा फायदा उसे ही होना है। इस स्थिति में कांग्रेस को त्याग करना होगा। उसे बिहार में ज्यादा सीटों पर लड़ने की दावेदारी छोड़नी होगी।
अशोक चौधरी से जब ये सवाल पूछा गया कि जदयू बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी है तो उन्होंने कहा कि ऐसा सोचने वाले भूल कर रहे हैं। जदयू तीसरे नंबर की पार्टी नहीं है। 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रदेश प्रभारी ने साजिश की थी। उन्होंने जान बूझ कर जदयू की सीटों पर वोट काटने वाले को खड़ा कराया था। अगर ये साजिश नहीं होती तो एनडीए 210 सीटें जीतता। इसलिए कोई ये समझने की भूल नहीं करे कि जदयू बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी है बल्कि नीतीश कुमार बिहार में किसी के लिए भी जीत की गारंटी हैं।