मुंबई: लाउडस्पीकर विवाद की पेंच में फंसी महाराष्ट्र की सियासत में आज उस समय एक और ट्विस्ट आ गया, जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने ऐलान कर दिया कि वो लाउडस्पीकर मसले के समाधान के लिए उद्धव सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भाग नहीं लेंगे।
इस मामले में जानकारी देते हुए मनसे नेता संदीप देशपांडे ने कहा कि वो पार्टी के वरिष्ठ नेता बाला नंदगांवकर और नितिन सरदेसाई के साथ सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेंगे।
इससे पहले अमरावती की निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा की ओर से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास 'मातोश्री' पर हनुमान चालीसा पाठ के मामले में हुई रस्साकशी के कारण सतर्क उद्धव सराकर के गृह मंत्री दिलीप वालसे ने रविवार को लाउडस्पीकर विवाद को सुलझाने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की घोषणा की थी।
मालूम हो कि शिवसेना के शासन में लाउडस्पीकर और उससे जुड़े हनुमान चालीसा के पाठ ने उद्धव सरकार की नाक में खासा दम कर रखा है।
मुख्यमंत्री के चचेरे भाई राज ठाकरे ने अपने भाई की सरकार को ऐलानिया चेतावनी दी है कि अगर 3 मई तक सूबे के सभी मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं उतरे को उनकी पार्टी के कार्यकर्ता सभी मस्जिदों के सामने लाउडस्पीकर लगाकर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।
राज ने इस मामले में चेतावनी देते हुए कहा था कि मुसलमानों को यह समझना चाहिए कि हमारे देश में धर्म कानून से ऊपर नहीं है अगर उनके लाउडस्पीकर से किसी को परेशानी होती है तो उन्हें खुद ही इसे उतार देना चाहिए।
ठाकरे ने कहा था, "हम महाराष्ट्र में दंगे नहीं चाहते हैं न ही हम नमाज़ अदा करने का विरोधी हैं। हम बस चाहते हैं कि जो लाउडस्पीकर मस्जिदों पर लगे हैं, वो कानूनी तौर पर पूरे देश में अवैध हैं और उन्हें खुद से इसे हटा देना चाहिए। अगर वो लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करते हैं तो हम भी लाउडस्पीकर का भी इस्तेमाल करेंगे। मनसे के कार्यकर्ता मस्जिदों के सामने लाउडस्पीकर लगाकर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।
मनसे प्रमुख ने कहा कि 3 मई के बाद देखूंगा कि इस मसले पर क्या करना है। वहीं राज ठाकरे के आक्रामक रूख को देखते हुए महाराष्ट्र के गृह विभाग ने मस्जिदों समेत सभी धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर अदालती आदेशों को लागू करने का फैसला किया था।
राज्य सरकार की ओर से जारी किये गये दिशा-निर्देश के मुताबिक अब किसी धार्मिक स्थल पर लाउडस्पीकर का प्रयोग करने के लिए पुलिस विभाग से अनुमति लेनी होगी।